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ऊर्जा संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मदद के लिए भारत ने बढ़ाए हाथ, सौर ऊर्जा संयंत्र स्‍थापित करने को लेकर हुआ समझौता

श्रीलंका के पूर्वी बंदरगाह जिले त्रिंकोमाली (Trincomalee) में 100 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र को स्‍थापित करने के लिए भारत मदद करेगा। श्रीलंका के वित्त मंत्रालय में शुक्रवार को दोनों देशों के बीच इस बारे में एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 12 Mar 2022 04:06 PM (IST)
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अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भारत और श्रीलंका ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। (File Photo PTI)
कोलंबो, पीटीआइ। भारत और श्रीलंका ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इस समझौते के तहत भारत श्रीलंका के पूर्वी बंदरगाह जिले त्रिंकोमाली (Trincomalee) में 100 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र को डेवलप करने के लिए मदद करेगा। इस संयंत्र के लिए शुक्रवार को श्रीलंका के वित्त मंत्रालय में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर समारोह संपन्‍न हुआ। भारतीय मिशन ने बयान जारी कर कहा कि समपुर में संयंत्र को विकसित करने के लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है।

भारतीय मिशन की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक भारतीय नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (National Thermal Power Corporation, NTPC) लिमिटेड और सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (Ceylon Electricity Board, CEB) के बीच समपुर में 100 मेगावाट सौर ऊर्जा के संयंत्र को विकसित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस संयुक्‍त उपक्रम पर हुआ समझौता एक बार फिर श्रीलंका के साथ भारत की व्यापक और पारस्परिक साझेदारी को प्रदर्शित करता है।

जारी बयान में कहा गया है कि श्रीलंका के साथ हमारा सहयोग सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए पड़ोसी देश को भारत की ओर से दी गई 100 मिलियन अमेरिकी डालर की लाइन आफ क्रेडिट (Line of Credit) के कार्यान्वयन के साथ मजबूत होगा। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के साथ दोनों पक्षों के निजी क्षेत्र में महत्वपूर्ण रुचि है। आने वाले वर्षों में इस सहयोग के और बढ़ने की संभावना है। मालूम हो कि समपुर में एक थर्मल पावर प्लांट बनाने के लिए एनटीपीसी के साथ 2013 में समझौता हुआ था जिसे बाद में अधूरा छोड़ दिया गया था। 

उल्‍लेखनीय है कि हाल के दिनों में पड़ोसी द्विपीय देश श्रीलंका के साथ भारत के रिश्‍तों में मजबूती आई है।दरअसल श्रीलंका बुरी तरह चीन के कर्ज जाल में फंस चुका है। चीन को चार अरब 50 करोड़ अमेरिकी डालर के ऋण को चुकाने में विफल होने के बाद उसकी नजरें भारत के साथ रिश्‍तों को मजबूत बनाने पर हैं। मौजूदा वक्‍त में श्रीलंका की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। श्रीलंका ऊर्जा संकट से जूझ रहा है। भारत ने हाल ही में श्रीलंका को 40 हजार मीट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की थी।