Israel-Hamas War: भारत ने इजरायल से गोलान का कब्जा छोड़ने को कहा, भारत ने आतंकवाद और नागरिकों के मारे जाने की निंदा की
Israel-Hamas War भारत चीन रूस बांग्लादेश भूटान मलेशिया मालदीव नेपाल श्रीलंका दक्षिण अफ्रीका यूएई सहित 91 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। जबकि अमेरिका ब्रिटेन आस्ट्रेलिया कनाडा इजरायल सहित आठ देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने गाजा पट्टी में बंधक बने लोगों की हमास द्वारा रिहाई का स्वागत किया है।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Wed, 29 Nov 2023 10:21 PM (IST)
पीटीआई, संयुक्त राष्ट्र। सीरिया की गोलान पहाड़ियों से इजरायल के कब्जा न छोड़ने पर भारत ने गंभीर चिंता जताई है और वहां से हटने की मांग का समर्थन किया है। इस बाबत संयुक्त राष्ट्र में आए प्रस्ताव का भारत ने समर्थन किया है।
इजरायल ने 1967 में हुए युद्ध के दौरान सीरिया के इस हिस्से पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई बार कहे जाने के बावजूद इजरायल ने वहां से अपनी सेना नहीं हटाई। इसके बाद 2019 में अमेरिका ने गोलान पहाड़ियों को इजरायल के हिस्से के रूप में मान्यता दे दी। मिस्त्र द्वारा गोलान पहाडि़यों पर इजरायल के कब्जे के संबंध में पेश प्रस्ताव के समर्थन में भारत सहित 91 देशों ने वोट डाला जबकि आठ देशों ने इसके विरोध में मतदान किया।
कुल 62 सदस्य देशों ने मतदान में नहीं लिया हिस्सा
कुल 62 सदस्य देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत, चीन, रूस, बांग्लादेश, भूटान, मलेशिया, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, यूएई सहित 91 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, कनाडा, इजरायल सहित आठ देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने गाजा पट्टी में बंधक बने लोगों की हमास द्वारा रिहाई का स्वागत किया है। साथ ही बाकी बंधकों की जल्द और बिना शर्त रिहाई की आवश्यकता जताई है।'आतंकवाद और निर्दोष लोगों को बंधक बनाना निंदनीय'
भारत ने कहा, आतंकवाद और निर्दोष लोगों को बंधक बनाना निंदनीय है, इसे किसी भी रूप में सही नहीं ठहराया जा सकता है। काम्बोज ने पश्चिम एशिया की स्थिति पर विचार के लिए आयोजित महासभा की बैठक में यह बात कही है। उन्होंने कहा, इस समय इजरायल-हमास युद्ध के चलते बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत चिंता का विषय है। वहां पर मानवीय संकट की स्थिति है। पूरे क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति भी चिंताजनक है। भारत निर्दोष नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा करता है।