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UN में भारत ने दिखाई गजब की कूटनीति, एक प्रस्ताव पर फलस्तीन का दिया साथ तो दूसरे में इजरायल से निभाई दोस्ती

UNHRC resolution of Israel संयुक्त राष्ट्र में एक तरफ जहां भारत ने फलस्तीन का साथ दिया तो वहीं इजरायल से भी अपनी दोस्ती निभाई है। यूएनएचआरसी में एक प्रस्ताव में गाजा पट्टी में इजरायली सेना की कार्रवाई अविलंब रोके जाने और इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोके जाने से संबंधित प्रस्ताव पारित हो गया लेकिन भारत ने उससे दूरी बनाई।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Sat, 06 Apr 2024 09:34 AM (IST)
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UNHRC resolution of Israel इजरायल से भारत ने निभाई दोस्ती।
पीटीआई, संयुक्त राष्ट्र। UNHRC resolution of Israel संयुक्त राष्ट्र में भारत ने गजब की कूटनीति दिखाई है। एक तरफ जहां भारत ने फलस्तीन का साथ दिया तो वहीं इजरायल से भी अपनी दोस्ती निभाई है।

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में दो प्रस्ताव पारित किए गए थे, जिसमें से एक में गाजा पट्टी में इजरायली सेना की कार्रवाई अविलंब रोके जाने, वहां की घेराबंदी को खत्म किए जाने और इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोके जाने से संबंधित प्रस्ताव पारित हो गया लेकिन भारत उससे दूर रहा।

भारत ने प्रस्ताव से बनाई दूरी

शुक्रवार को पेश हुए प्रस्ताव पर परिषद ने गाजा में इजरायली सेना की मानवाधिकारों के उल्लंघन वाली घटनाओं पर चिंता जताई है और उसकी निंदा की है। 47 सदस्यों वाली परिषद में 28 देशों ने प्रस्ताव के समर्थन में वोट डाला जबकि छह ने विरोध में वोट दिया, 13 सदस्य देश मतदान से दूर रहे। भारत ने फ्रांस, जापान, रोमानिया और अन्य के साथ प्रस्ताव से दूरी बनाई जबकि अमेरिका, जर्मनी, बुल्गारिया और अर्जेंटीना प्रस्ताव का विरोध करने वाले प्रमुख देशों में थे।

युद्धविराम के पक्ष में रहे ये देश

युद्धविराम के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में रूस, चीन, बांग्लादेश, बेल्जियम, ब्राजील, इंडोनेशिया, मलेशिया, कुवैत, मालदीव, कतर, दक्षिण अफ्रीका, यूएई और वियतनाम प्रमुख थे। प्रस्ताव के विरोध में इजरायली राजदूत ने सत्र का बहिष्कार किया।

भारत स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र का पक्षधर

मानवाधिकार परिषद में पेश एक अन्य प्रस्ताव में फलस्तीनियों के लिए स्वतंत्र देश की स्थापना और उनके आत्मनिर्णय के अधिकार से संबंधित प्रस्ताव पर भारत ने पक्ष में मतदान किया। इस प्रस्ताव के समर्थन में भारत सहित 42 सदस्य देशों ने मतदान किया जबकि अमेरिका और परागुए ने विरोध में मत दिया।

अल्बानिया, अर्जेंटीना और कैमरून ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। विदित हो कि भारत की स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र के गठन के समर्थन की पुरानी नीति है, मोदी सरकार इजरायल के साथ संबंध मजबूत करने के साथ ही फलस्तीन से संबंधित देश की नीति को बरकरार रखे हुए है।