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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के सबसे बड़े मददगार के रूप में सामने आया भारत, एक रिपोर्ट में किया गया दावा

कोलंबो स्थित वेराइट रिसर्च ने कहा है कि इस वर्ष पहले चार महीने के दौरान श्रीलंका को कुल 96.8 करोड़ डालर कर्ज मिला है। इसमें से भारत ने 37.7 करोड़ डालर का योगदान दिया है। 2017 और 2021 के बीच श्रीलंका को सबसे ज्यादा कर्ज देने वाला देश चीन था।

By Amit SinghEdited By: Updated: Fri, 16 Sep 2022 04:30 AM (IST)
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श्रीलंका का सबसे बड़े मददगार भारत रिपोर्ट में किया गया दावा

कोलंबो, एजेंसियां: घोर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के लिए भारत सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ है। वेराइट रिसर्च फाउंडेशन ने कहा कि 2022 में अप्रत्याशित राजनीतिक उथलपुथल और आर्थिक संकट में घिरे श्रीलंका को 37.7 करोड़ डालर कर्ज देकर भारत ने सबसे बड़े कर्जदाता की भूमिका निभाई है। इसके बाद एशियाई विकास बैंक (एडीबी) का नंबर आता है जिसने 36 करोड़ डालर का कर्ज दिया है। इस वर्ष करीब चार अरब डालर का वित्तीय समर्थन देने वाला भारत अब नई मदद नहीं देगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के साथ प्रारंभिक कर्ज समझौता होने के बाद द्वीप देश की अस्थिर अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है।

रणनीतिक विश्लेषण और एशिया में सरकारों एवं निजी क्षेत्रों को परामर्श देने वाले कोलंबो स्थित थिंक टैंक वेराइट रिसर्च ने कहा है कि इस वर्ष पहले चार महीने के दौरान श्रीलंका को कुल 96.8 करोड़ डालर कर्ज मिला है। इसमें से भारत ने 37.7 करोड़ डालर का योगदान दिया है। 2017 और 2021 के बीच श्रीलंका को सबसे ज्यादा कर्ज देने वाला देश चीन था। 2021 में चीन ने 94.7 करोड़ डालर का कर्ज दिया था। इस दौरान एडीबी सबसे बड़ा कर्जदाता रहा। इस वर्ष के शुरुआत से ही श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट में फंस गया। ऐसी स्थिति में भारत की क्रेडिट लाइन ने उसे ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुएं खरीदने में सक्षम बनाया।

हिंद महासागर के किसी युद्ध में शामिल नहीं होगा श्रीलंका

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि हिंद महासागर में बड़ी शक्तियों की दुश्मनी में उनका देश भाग नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमबनटोटा के लिए उनके देश को 'पंचिंग बैग' बनाया गया। राष्ट्रपति के इस बयान से एक सप्ताह पहले भारत और चीन श्रीलंका के दक्षिणी बंदरगाह पर अत्यंत उन्नत चीनी पोत के खड़े होने को लेकर एक दूसरे से उलझे थे।