Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

India-EU Relations : भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत फिर शुरू, जानें पूरी खबर

ईयू के बाजार में भारतीय गारमेंट को बांग्लादेश वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है। एफटीए होने से गारमेंट व लेदर निर्यात पर लगने वाला शुल्क समाप्त हो जाएगा जिससे ईयू के बाजार में भारतीय वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी।

By Shashank Shekhar MishraEdited By: Updated: Sat, 18 Jun 2022 07:32 PM (IST)
Hero Image
भारतीय गारमेंट को बांग्लादेश, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है।

राजीव कुमार, ब्रूसेल्स। भारत ने यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ ब्रूसेल्स में मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता फिर से शुरू कर दी है। वर्ष 2013 के बाद भारत और ईयू के बीच एफटीए को लेकर कोई वार्ता नहीं हुई है। भारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व ईयू के कार्यकारी वाइस प्रेसिडेंट वाल्दिस डोमब्रोवस्किस ने बताया कि आगामी 27 जून से एक जुलाई तक नई दिल्ली में पहले चरण की वार्ता होगी। दोनों के बीच अभी 116 अरब डॉलर का होता कारोबार है। भारत-ईयू में एफटीए से रोजगारपरक सेक्टर को होगा लाभ वर्ष 2023 दिसंबर तक एफटीए पूरा करने का लक्ष्य है।

ईयू भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार सहभागी है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने इससे पूर्व के वित्त वर्ष के मुकाबले 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ ईयू को 65 अरब डालर का निर्यात किया। ईयू के साथ एफटीए करने से भारत में अमेरिका व जापानी कंपनियां निवेश के लिए आ सकती है क्योंकि ईयू के बाजार में भारत के शुल्क मुक्त सामान का निर्यात हो सकेगा।

एफटीए वार्ता के साथ भारत व ईयू निवेश सुरक्षा वार्ता भी शुरू करने जा रहे है। गोयल ने बताया कि एफटीए से भारत के रोजगारपरक सेक्टर जैसे कि टेक्सटाइल, लेदर, जेम्स व ज्वैलरी का निर्यात ईयू में बढ़ेगा और भारत में रोजगार का सृजन होगा। अभी ईयू के बाजार में भारतीय गारमेंट को बांग्लादेश, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है। एफटीए होने से गारमेंट व लेदर निर्यात पर लगने वाला शुल्क समाप्त हो जाएगा, जिससे ईयू के बाजार में भारतीय वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी।

इसके अलावा भारत टेक्नोलाजी, डिजिटल दुनिया से संबंधित चीजों के साथ एआई पर ईयू के साथ व्यापार समझौता कर सकता है। ब्रूसेल्स में मौजूद भारत के अधिकारियों ने बताया कि ईयू के साथ एफटीए होने से भारत की ब्रांड का स्तर काफी बढ़ जाएगा और दुनिया के सभी देश पहले के मुकाबले भारतीय उत्पादों पर अधिक भरोसा करने लगेंगे। बता दें भारत इस साल जुलाई के आखिरी सप्ताह में कनाडा के साथ भी एफटीए वार्ता आरंभ करने जा रहा है।