UN में भारत ने जताई रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चिंता, कहा- हम तनाव कम करने के सभी प्रयासों का करेंगे समर्थन
UN में भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चिंता जताई। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रूचिरा कंबोज ने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Thu, 17 Nov 2022 04:39 AM (IST)
संयुक्त राष्ट्र, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने यूक्रेन की स्थिति को लेकर यूएन में चिंता जताई। भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि भारत यूक्रेन की स्थिति और नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने को लेकर चिंतित है। भारत ने लगातार शत्रुता को समाप्त करने और बातचीत पर लौटने का आह्वान किया है। हम तनाव कम करने के सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।
यूरोप तक ही सीमित नहीं है रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने आगे कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव केवल यूरोप तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक दक्षिण में गंभीर आर्थिक परिणामों का सामना करना पड़ रहा है। हम महामारी के कारण गंभीर तनाव के बाद युद्ध से ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा पर बढ़ती चिंता देख रहे हैं।
India remains concerned about the situation in Ukraine & targeting of civilian infrastructure. India has consistently called for the cessation of hostilities & return to dialogue. We stand ready to support all efforts in de-escalation: Ruchira Kamboj, India's Permanent Rep to UN pic.twitter.com/IOOzrHmKA6
— ANI (@ANI) November 16, 2022
संयुक्त राष्ट्र में बोलीं रुचिरा कंबोज
साथ ही रुचिरा कंबोज ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र ने जिस काला सागर अनाज और उर्वरक पैकेज सौदे को मंजूरी दी है। उसे सभी पक्षों द्वारा सभी पहलुओं में ईमानदारी से लागू किया जाएगा।भारत ने मतदान से बनाई थी दूरी
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र आमसभा में सोमवार को यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को जिम्मेदार बनाने वाला प्रस्ताव पेश किया गया था। कुल 94 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 14 ने इसके खिलाफ मतदान किया। वहीं, भारत सहित 73 देशों ने भाग नहीं लिया था।Russia Ukraine War: US के जनरल मार्क का दावा- रूस को यूक्रेन से बाहर निकालने का सैन्य कार्य बहुत कठिन