Israel-Palestine Conflict: फलस्तीनी शरणार्थियों की मदद के लिए भारत ने बढ़ाए हाथ, जारी की 20.89 करोड़ रुपए की पहली किस्त
भारत सरकार ने जंग से जूझ रहे फलस्तीन की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं। सरकार ने साल 2024-25 के लिए फलस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए को 25 लाख डॉलर की पहली किस्त आज जारी कर दी है। इसमें फलस्तीनी शरणार्थियों को दी जाने वाली स्वास्थ्य शिक्षा राहत और सामाजिक सेवाएं शामिल हैं।
एजेंसी, रामल्लाह। भारत सरकार ने साल 2024-25 के लिए फलस्तीनी शरणार्थियों की मदद के लिए पहली किस्त जारी कर दी है। सरकार ने फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पहली किश्त जारी की है। गाजा में जारी प्रदर्शन के बीच भारत फलस्तीन को इस साल 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद करेगा।
भारत ने शरणार्थियों के लिए भेजी आर्थिक मदद
रामल्लाह में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने एक्स पर अपने बयान में कहा, "भारत सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 5 मिलियन अमरीकी डॉलर के अपने वार्षिक योगदान के हिस्से के रूप में निकट पूर्व में फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 2.5 मिलियन अमरीकी डॉलर की पहली किश्त जारी की है।"
The Government of India released the first tranche of USD 2.5 million to the United Nations Relief and Works Agency for Palestine Refugees in the Near East (UNRWA), as part of its annual contribution of USD 5 million for the year 2024-25. pic.twitter.com/V5vpUVzch6
— ANI (@ANI) July 15, 2024
35 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता कर चुका है भारत
पिछले कुछ वर्षों में, फलस्तीनी शरणार्थियों और उनके कल्याण का समर्थन करने के अपने प्रयास में, भारत ने फलस्तीनी शरणार्थियों को प्रदान की जाने वाली शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, राहत और सामाजिक सेवाओं सहित संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के मुख्य कार्यक्रमों और सेवाओं के लिए 2023-24 तक 35 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की है।हाल ही में न्यूयॉर्क में आयोजित यूएनआरडब्ल्यूए प्रतिज्ञा सम्मेलन के दौरान, भारत ने घोषणा की कि वित्तीय सहायता के अतिरिक्त वह एजेंसी के विशिष्ट अनुरोध के आधार पर यूएनआरडब्ल्यूए को दवाएं भी उपलब्ध कराएगा, इसके साथ ही उसने फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित, समय पर और निरंतर आपूर्ति के लिए अपना आह्वान दोहराया। यूएनआरडब्ल्यूए को लगभग पूरी तरह से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के स्वैच्छिक योगदान से वित्त पोषित किया जाता है।