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लैंगिक समानता और बराबरी के लिए भारत ने बनाया वैश्विक गठबंधन, WEF के संस्थापक श्वाब का पहल को पूरा समर्थन

बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित गठबंधन का संचालन सीआइआइ सेंटर फार वुमेन लीडरशिप द्वारा किया जाएगा। विश्व आर्थिक मंच नेटवर्क भागीदार के रूप में और इन्वेस्ट इंडिया संस्थागत भागीदार के रूप में शामिल हुआ है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि दावोस में गठबंधन की शुरुआत प्रमुख हितधारकों की भागीदारी के साथ उद्देश्यपूर्ण पहल है।

By Agency Edited By: Amit Singh Updated: Sat, 20 Jan 2024 04:45 AM (IST)
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वैश्विक भलाई के लिए भारत ने बनाया गठबंधन

पीटीआई, दावोस। भारत ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक के अवसर पर लैंगिक समानता, बराबरी और पूरी दुनिया के कल्याण के लिए वैश्विक गठबंधन की घोषणा की है। डब्ल्यूईएफ के संस्थापक और अध्यक्ष क्लास श्वाब ने इस पहल को पूर्ण समर्थन के साथ भागीदार बनने की पेशकश की। इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि यह गठबंधन वैश्विक भलाई के बारे में है। ईरानी ने भारत में सामाजिक क्रांति लाने और महिलाओं को सुशासन के केंद्र में रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की।

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भारत का डब्ल्यूईएफ के साथ हमेशा विशेष संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि भारत महिला केंद्रित विकास से महिला नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ गया है। श्वाब ने कहा, हम न केवल इस गठबंधन का समर्थन करेंगे बल्कि मजबूत भागीदार बनेंगे। गठबंधन को मास्टरकार्ड, उबर, टाटा, टीवीएस, बायर, गोदरेज, सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया, नोवार्टिस, आइएमडी लाजेन जैसी कंपनियों और उद्योग जगत के 10,000 से अधिक भागीदारों से समर्थन मिला है।

बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित, गठबंधन का संचालन सीआइआइ सेंटर फार वुमेन लीडरशिप द्वारा किया जाएगा। विश्व आर्थिक मंच 'नेटवर्क भागीदार' के रूप में और इन्वेस्ट इंडिया 'संस्थागत भागीदार' के रूप में शामिल हुआ है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि दावोस में गठबंधन की शुरुआत प्रमुख हितधारकों की भागीदारी के साथ उद्देश्यपूर्ण पहल है। सीआइआइ लैंगिक समानता और महिला नेतृत्व की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

संकटों का मिलकर करेंगे मुकाबला

वैश्विक संकटों का मिलकर मुकाबला करने के आह्वान के साथ डब्ल्यूईएफ बैठक शुक्रवार को संपन्न हो गई। डब्ल्यूईएफ बैठक के दौरान अर्थव्यवस्था को मुश्किलों से निकालने, भू-राजनीतिक संघर्षों को समाप्त करने, जलवायु संकट के समाधान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) से संबंधित गलत सूचना और दुष्प्रचार के जोखिमों से लड़ने के लिए सहयोग का आह्वान किया गया। भारत ने अवसर का लाभ उठाते हुए खुद को एक विश्वसनीय राष्ट्र के रूप में पेश किया। डब्ल्यूईएफ बैठक इस उम्मीद के साथ समाप्त हुई है कि वैश्विक आर्थिकी 2024 में बेहतर प्रदर्शन करेंगी और दुनिया को परेशान करने वाले कई संकटों का समाधान हो सकेगा।

पटरी पर लौट रही वैश्विक अर्थव्यवस्था

विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, लेकिन पूरी तरह से सामान्य स्थिति से अभी भी काफी दूर है। डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने कहा कि उम्मीद है कि व्यापार वृद्धि 2024 से बेहतर रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कर बढ़ाना, सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना राजनीतिक रूप से कठिन है, लेकिन हमें कठोर निर्णय लेने की जरूरत है।

नौकरियों, समृद्धि और शांति के लिए विकास अनिवार्य

विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा कि रोजगार पैदा करने, समृद्धि को बढ़ावा देने और शांति बनाए रखने के लिए निरंतर विकास अनिवार्य है। विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए उन्होंने आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। बंगा ने मानवता के सामने जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

भारतीय होने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता

विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेने के बाद अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा कि भारतीय होने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता। दावोस में अपने प्रवास के दौरान हुए अनुभव लिंक्डइन पोस्ट में साझा करते हुए अदाणी ने लिखा, भारत का संदेश और कार्य समावेशिता की भावना से मेल खाते हैं। दावोस में विभिन्न नेताओं के साथ हुए सभी विचार-विमर्श के बाद अदाणी को लगता है कि इस बात को लेकर आम सहमति यह थी कि भारत 2050 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डालर के सकल घरेलू उत्पाद के लक्ष्य के करीब पहुंचने की राह पर है।