आतंकियों को पनाह देने वाले देशों को बेनकाब किया जाए, चिनफिंग-शहबाज की मौजूदगी में जयशंकर ने पाकिस्तान को सुनाई खरी खरी
विदेश मंत्री ने कहा सीमा पार आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है और आतंकवाद के वित्तपोषण एवं आतंकियों की भर्ती से दृढ़ता से निपटा जाना चाहिए। एससीओ को अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटना चाहिए। इस संबंध में हम दोहरे मापदंड नहीं अपना सकते। साथ ही कहा कि पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता के दौरान विषय पर जारी संयुक्त बयान दिल्ली की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
पीटीआई, अस्ताना। भारत ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उन देशों को अलग-थलग और बेनकाब करने का आह्वान किया जो आतंकियों को पनाह देते हैं, उन्हें सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। भारत ने चीन और पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर आतंकवाद पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण पढ़ा। इसमें उन्होंने याद दिलाया कि आतंकवाद से लड़ाई एससीओ के मूल उद्देश्यों में से एक है।
चिनफिंग, शहबाज और पुतिन की मौजूदगी में बोले विदेश मंत्री
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एवं अन्य नेताओं की उपस्थिति में उन्होंने कहा, 'हममें से कई लोगों को ऐसे अनुभव हुए हैं, जो अक्सर हमारी सीमाओं से परे होते हैं। हमें यह स्पष्ट होना चाहिए कि अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह क्षेत्रीय व वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। आतंकवाद को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता।'आतंकियों को पनाह देने वाले देशों को बेनकाब करना चाहिए
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उन देशों को अलग-थलग व बेनकाब करना चाहिए जो आतंकियों को पनाह देते हैं, उन्हें सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। उनका इशारा स्पष्ट रूप से पाकिस्तान और उसके सदाबहार मित्र चीन की ओर था।
सीमा पार आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की जरूरत
उन्होंने आगे कहा, "सीमा पार आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है और आतंकवाद के वित्तपोषण एवं आतंकियों की भर्ती से दृढ़ता से निपटा जाना चाहिए। एससीओ को अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटना चाहिए। इस संबंध में हम दोहरे मापदंड नहीं अपना सकते।" साथ ही कहा कि पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता के दौरान इस विषय पर जारी संयुक्त बयान नई दिल्ली की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर चीन पर निशाना साधा
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर चीन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, आर्थिक विकास के लिए मजबूत कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है। यह हमारे समाजों के बीच सहयोग और विश्वास का मार्ग भी प्रशस्त कर सकती है। कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान आवश्यक है। इसी तरह गैर-भेदभावपूर्ण व्यापारिक अधिकार और पारगमन व्यवस्था भी आवश्यक है। एससीओ को इन पहलुओं पर गंभीरता से विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है।
Represented India at the SCO Plus format Meeting in Astana today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 4, 2024
Read out PM @narendramodi’s statement on the theme ‘Strengthening Multilateral Dialogue – Striving for Sustainable Peace and Development’.
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