भारत, तुर्किये और संयुक्त राष्ट्र के अनुरोध के बाद खाद्यान्न समझौते में लौटा रूस, दुनिया को मिलेगी राहत
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन ने उसे काला सागर में खाद्यान्न निर्यात के लिए बनाए गए मार्ग का सैन्य कार्यों में उपयोग न करने की गारंटी दी है। इससे पहले भारत तुर्किये और संयुक्त राष्ट्र ने रूस से खाद्यान्न समझौता जारी रखने का अनुरोध किया था।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 02 Nov 2022 07:35 PM (IST)
अंकारा, रायटर। दुनिया से खाद्यान्न संकट का खतरा टल गया है। ठंडक के मौसम में गरीब देशों के करोड़ों लोगों के भूख से तड़पने की आशंका से रूस ने खाद्यान्न निर्यात के समझौते में वापस लौटने का निर्णय लिया है। इस समझौते के तहत यूक्रेन से काला सागर के जरिये खाद्यान्न का निर्यात हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप पश्चिमी देशों ने रूस को खाद्यान्न निर्यात की अनुमति दे रखी है। विदित हो कि रूस और यूक्रेन दुनिया के सबसे बड़े खाद्यान्न निर्यातक देश हैं। दोनों देश दुनिया की जरूरत का करीब 35 प्रतिशत खाद्यान्न निर्यात करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने रूस से खाद्यान्न समझौता जारी रखने का किया अनुरोध
रूस ने बुधवार दोपहर से समझौते में फिर से शामिल होने का एलान किया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन ने उसे काला सागर में खाद्यान्न निर्यात के लिए बनाए गए मार्ग का सैन्य कार्यों में उपयोग न करने की गारंटी दी है। इससे पहले भारत, तुर्किये और संयुक्त राष्ट्र ने रूस से खाद्यान्न समझौता जारी रखने का अनुरोध किया था। जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेन के खाद्यान्न निर्यात में रुकावट डालने के लिए रूस के खिलाफ पूरी दुनिया को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र के प्रयास से जुलाई में यह समझौता रूस, यूक्रेन और तुर्किये के बीच हुआ था। इसमें तुर्किये की भूमिका बाकी के दोनों देशों के बीच सुरक्षा को लेकर विश्वास कायम रखने की है। काला सागर में बीते शनिवार को रूसी नौसैनिक बेड़े पर हुए ड्रोन हमले के बाद रूस ने इस समझौते से हटने का एलान किया था।Video: Russia Ukraine War: रूस ने रातभर यूक्रेन पर बरसाए रॉकेट, 10 लाख घरों में अंधेरा
रूस के समझौते से हटने के एलान के बाद ही दुनिया के बाजारों की गेहूं का मूल्य बढ़ने लगा और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत कई नेताओं ने विश्व के बड़े भूभाग में भुखमरी की आशंका जताई थी।
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