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India Vietnam Relations: चार दिनों की वियतनाम यात्रा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, संबंध मजबूत बनाने पर हुई सहमति

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (16 अक्टूबर) को वियतनाम के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के क्षेत्रों पर चर्चा की। दोनों देशों ने कारोबार ऊर्जा रक्षा और समुद्री सुरक्षा पर बात की। इस दौरान हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार पर खासतौर पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री जयशंकर चार दिनों की यात्रा पर वियतनाम की राजधानी हनोई पहुंचे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 16 Oct 2023 11:14 PM (IST)
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भारत-वियतनाम कूटनीतिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे (फोटो एक्स)
जागरण न्यूज नेटवर्क, हनोई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (16 अक्टूबर) को वियतनाम के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के क्षेत्रों पर चर्चा की। दोनों देशों ने कारोबार, ऊर्जा, रक्षा और समुद्री सुरक्षा पर बात की। इस दौरान हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार पर खासतौर पर चर्चा हुई।

विदेश मंत्री जयशंकर चार दिनों की यात्रा पर वियतनाम की राजधानी हनोई पहुंचे हैं। जयशंकर ने सोमवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामना संदेश दिया। इस संदेश में कहा गया है कि भारत और वियतनाम के मजबूत संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और संपन्नता को बढ़ावा देंगे। जयशंकर ने यह जानकारी एक्स पर जारी अपने संदेश में कही है।

भारत-वियतनाम कूटनीतिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे

इससे पहले जयशंकर ने अपने वियतनामी समकक्ष बुई थआन्ह सोन से सहयोग बढ़ाने वाले क्षेत्रों पर विस्तार से चर्चा की। दोनों नेताओं ने दक्षिण चीन सागर समेत हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। जयशंकर और सोन ने भारत और वियतनाम के कूटनीतिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने पर डाक टिकट भी जारी किए।

'डाक टिकट प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों के बारे में बताते हैं'

मंत्री जयशंकर ने कहा, डाक टिकट में दर्शाए गए कलारिपायाट्टू और वोविनाम हमारे प्राचीन सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों के बारे में बताते हैं। जयशंकर ने वियतनाम की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के कमीशन के चेयरमैन ले होई रुंग के साथ भी द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।

सहयोग का दायरा बड़ा और मजबूत हो रहा है- जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्री ने भारत-वियतनाम संयुक्त आयोग की 18 वीं बैठक में भी हिस्सा लिया। जयशंकर ने अपने समकक्ष सोन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर हुई वार्ता को सफल और लाभदायक बताया। कहा कि हमारा सहयोग का दायरा बड़ा और मजबूत हो रहा है। यह सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा से लेकर शिक्षा और सांस्कृतिक संबंधों में विस्तार तक फैला हुआ है। हमारा रणनीतिक सहयोग आने वाले दिनों में और मजबूत होगा और इससे पूरा क्षेत्र लाभान्वित होगा।

पूर्व विदेश मंत्री से साझा कीं वाराणसी की बातें

विदेश मंत्री जयशंकर ने वियतनाम के पूर्व विदेश मंत्री गुयेन डी निएन से मुलाकात कर भारत के अनुभवों पर चर्चा की। साल 2000 से 2006 तक विदेश मंत्री रहे निएन 1950 के नजदीकी वर्षों में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़े थे। वयोवृद्ध नेता ने जयशंकर से बातचीत में वाराणसी को लेकर अपनी स्मृतियों को साझा किया और भारत को अपने हृदय के बहुत करीब बताया। जयशंकर ने वाराणसी में हो रहे बदलावों पर उनसे चर्चा की।

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