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दो बसों के 62 यात्रियों की तलाश में जुटी NDRF, अब तक 19 शव मिले; नेपाल ने किया था आग्रह

12 जुलाई को नेपाल में एक दर्दनाक हादसा हुआ था। इसमें 65 यात्रियों से भरी दो बसें भूस्खलन की चपेट में आ गई थीं। इसके बाद ये बसें त्रिशूली नदी में बह गईं थीं। अब भारत और नेपाल की टीमें संयुक्त रूप से इन बसों के यात्रियों की तलाश में जुटी हैं। तीन यात्री तैरकर बाहर निकलने में कामयाब रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 21 Jul 2024 09:53 PM (IST)
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नेपाल में लापता बस यात्रियों की तलाश तेज।

पीटीआई, काठमांडू। नेपाल में 12 जुलाई को भूस्खलन की चपेट में आने के बाद त्रिशूली नदी में बह गईं दो बसों और उसके लापता कई यात्रियों की खोज में रविवार को भारत के 12 बचावकर्मी शामिल हो गए। नेपाल के आग्रह पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का दल शनिवार को बागमती प्रांत के चितवन पहुंच गया।

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बस में सवार थे 65 लोग

एक बस में सात भारतीय नागरिक सवार थे। भारतीय दल ने रविवार सुबह से खोज शुरू कर दी। नारायणघाट-मुग्लिन रोड पर आपदा का शिकार हो गईं बसों में 65 यात्री सवार थे। बस से बाहर निकलने में कामयाब रहे तीन यात्री तैरकर किनारे पहुंच गए थे। करीब 19 यात्रियों के शव मिल गए हैं।

सात दिन तैनात रहेंगे एनडीआरएफ जवान

चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने बताया कि भारत के एनडीआरएफ के 12 कर्मी सात दिन तक खोज अभियान में तैनात रहेंगे। चार गोताखोर के साथ आई टीम के पास तीन सोनार कैमरा समेत आवश्यक उपकरण हैं।

त्रिशूली नदी में लगभग 100 किलोमीटर दूर तक शव बह गए हैं। नेपाल और भारत के भीतर 24 शव मिले हैं। इनमें से केवल 15 ही यात्रियों के होने की पुष्टि हो पाई है। सूत्रों के अनुसार इनमें से चार शव भारतीयों के हैं।

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