जर्मनी में सड़कों पर उतरे बच्चे और भारतीय प्रवासी, बेबी अरिहा को जल्द भारत भेजने का किया अनुरोध
जर्मनी में पिछले 22 महीनों से भी ज्यादा समय से एक भारतीय बच्ची अरिहा शाह को एक शिशु देखभाल केंद्र में रखा गया है। बच्ची को स्वदेश लाने के लिए भारत लगातार जर्मनी पर दबाव बना रहा है। वहीं 3 सितंबर (रविवार) को जर्मनी में छोटे बच्चों सहित भारतीय प्रवासियों ने बेबी अरिहा को भारत वापस लाने के लिए अपनी आवाज उठाई।
By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 03 Sep 2023 10:53 PM (IST)
लंदन, एएनआई। जर्मनी में पिछले 22 महीनों से भी ज्यादा समय से एक भारतीय बच्ची अरिहा शाह को एक शिशु देखभाल केंद्र में रखा गया है। बच्ची को स्वदेश लाने के लिए भारत लगातार जर्मनी पर दबाव बना रहा है। वहीं, 3 सितंबर (रविवार) को जर्मनी में छोटे बच्चों सहित भारतीय प्रवासियों ने बेबी अरिहा को भारत वापस लाने के लिए अपनी आवाज उठाई।
#WATCH | The Indian community in Germany assembled at Mannheim Paradeplatz City to demand the repatriation of baby Ariha to India. pic.twitter.com/0dHkIXnf1F
— ANI (@ANI) September 3, 2023
सड़क किनारे खड़े होकर बच्चों सहित भारतीय प्रवासियों ने किया प्रदर्शन
भारत वापस लाने की मांग करने के लिए बच्चों सहित भारतीय प्रवासियों ने मैनहेम परेडप्लात्ज शहर में सड़क किनारे इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने अपने हाथों में टेम्पलेट और बैनर्स ले रखे थे, जिसपर बेबी अरिहा को भारत भेजने की बात लिखी थी।
भारत ने जर्मनी से की मदद करने की मांग
बता दें कि भारत जर्मनी से अरीहा को जल्द से जल्द स्वदेश भेजने में मदद करने की मांग कर रहा है। भारत का कहना है कि यह बच्ची के लिए बहुत जरूरी है कि वह अपने भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और समाजिक वातावरण में पले-बढ़े।आखिर क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि यह पूरा मामला सितंबर, 2021 का है, जब भारतीय नागरिक अरिहा सात माह की थी तभी जर्मनी की यूथ वेलफेयर ऑफिस ने एक डॉक्टर की शिकायत पर माता-पिता पर बच्ची के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उसे कब्जे में ले लिया था। हालांकि उसके माता पिता का कहना था कि जर्मन अधिकारी उन्हें पूरी बात रखने का ठीक से समय भी नहीं दिया।वहीं, कुछ समय पहले जब जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बीयरबॉक भारत आई थीं, तब भी उनसे इस संबं में साफ तौर पर बात हुई थी। दुर्भाग्य से अभी तक इस आग्रह पर कोई पालन नहीं किया गया है।