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'सम्मानित और उत्साहित महसूस कर रहा हूं', भारतवंशी वकील बने आस्ट्रेलिया का नए नस्ल भेदभाव आयुक्त; जताया आभार

वर्तमान में प्रमुख भारतवंशी वकील गिरिधरन शिवरामन मल्टीकल्चरल ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष और मौरिस ब्लैकबर्न में प्रमुख वकील है जहां वह फर्म के क्वींसलैंड रोजगार कानून विभाग के प्रमुख हैं। क्वींसलैंड मल्टीकल्चरल एडवायजरी काउंसिल के सदस्य के रूप में शिवरामन नस्लीय अपमान के पीड़ितों के अधिकारों की बेहतर सुरक्षा की मांग करने के लिए राज्य संसदीय जांच के समक्ष भी पेश हुए हैं।

By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Tue, 06 Feb 2024 05:45 PM (IST)
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ऑस्ट्रेलिया के नए नस्ल भेदभाव आयुक्त नियुक्त (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
पीटीआई, मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया में प्रमुख भारतवंशी वकील गिरिधरन शिवरामन को मानवाधिकार आयोग का नया नस्ल भेदभाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। नस्ल भेदभाव आयुक्त सभी प्रकार के नस्लीय भेदभाव से निपटने और ऑस्ट्रेलियाई समाज के सभी वर्गों में समझ, सहिष्णुता और सौहार्द बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।

मल्टीकल्चरल ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष हैं शिवरामन

वर्तमान में शिवरामन मल्टीकल्चरल ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष और मौरिस ब्लैकबर्न में प्रमुख वकील है, जहां वह फर्म के क्वींसलैंड रोजगार कानून विभाग के प्रमुख हैं। अटॉर्नी जनरल मार्क ड्रेफस ने सोमवार को शिवरामन को नियुक्ति पर बधाई दी और कहा कि नस्ल भेदभाव और मानवाधिकार क्षेत्र में उनकी व्यापक समझ व प्रदर्शित जुनून ऑस्ट्रेलियाई मानवाधिकार आयोग के लिए बहुमूल्य साबित होगा।

शिवरामन ने जताया आभार

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शिवरामन ने भी एक्स पोस्ट कर राष्ट्रमंडल नस्ल भेदभाव आयुक्त बनाए जाने पर आभार जताया। शिवरामन ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट में लिखा, "राष्ट्रमंडल नस्ल भेदभाव आयुक्त नियुक्त किए जाने पर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं, उत्साहित हूं और थोड़ा डरा हुआ हूं। लेकिन अभी बहुत काम किया जाना बाकी है।"

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शिवरामन ने कई राज्य और राष्ट्रीय नस्ल भेदभाव के मामले चलाए हैं और कम वेतन वाले 7-ग्यारह श्रमिकों के लिए निशुल्क मुआवजा योजना का नेतृत्व किया है। इन श्रमिकों में से बहुत सारे प्रवासी पृष्ठभूमि से थे। क्वींसलैंड मल्टीकल्चरल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य के रूप में शिवरामन नस्लीय अपमान के पीड़ितों के अधिकारों की बेहतर सुरक्षा की मांग करने के लिए राज्य संसदीय जांच के समक्ष भी पेश हुए हैं।

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