Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

अमेरिका में दाढ़ी-पगड़ी संग भारतवंशी सिख बना नौसैनिक, जसकीरत सिंह ने पूरा किया प्रथम श्रेणी में प्रशिक्षण

सिख गठबंधन के अधिवक्ता गिजेल क्लैपर ने कहा कि जसकीरत सिंह संभवत सिख परंपरा से जुड़ी आस्था की वस्तुओं विशेष रूप से दाढ़ी और पगड़ी पहनकर भर्ती प्रशिक्षण से स्नातक करने वाले पहले सूचीबद्ध नौसैनिक हैं। गत वर्ष अपीलीय संघीय अदालत ने सिंह को सिर और दाढ़ी के बाल मुंडवाए बिना प्रशिक्षण शुरू करने की अनुमति दी थी ।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 14 Aug 2023 06:24 PM (IST)
Hero Image
अप्रैल में संघीय अदालत के जज ने सिंह को धार्मिक आस्था के साथ सैन्य सेवा करने का आदेश दिया था।

वाशिंगटन, पीटीआई। अमेरिका की विशिष्ट मरीन का‌र्प्स भर्ती प्रशिक्षण से पहली बार किसी भारतवंशी सिख ने सिख धर्म में पवित्र मानी जाने वाली 'आस्था की वस्तुओं' अर्थात सिर और दाढ़ी के बाल मुंडवाए बिना स्नातक की उपाधि प्राप्त की। शुक्रवार को जसकीरत सिंह ने सैन डिएगो स्थित मरीन का‌र्प्स रिक्रूट डिपो से प्रथम श्रेणी में प्रशिक्षण पूरा किया।

— Satluj (@SatlujTV) August 13, 2023

धार्मिक आस्था के साथ सैन्य सेवा करने का आदेश

गत अप्रैल में संघीय अदालत के जज ने सिंह को धार्मिक आस्था के साथ सैन्य सेवा करने का आदेश दिया था। यह आदेश एक साल पहले सिख, यूहदी और मुस्लिम तीन प्रशिक्षुओं द्वारा धार्मिक मान्यताओं की मांग को लेकर नौसेना पर किए गए मुकदमे में दिया गया था। सिख गठबंधन के अधिवक्ता गिजेल क्लैपर ने कहा कि जसकीरत सिंह संभवत: सिख परंपरा से जुड़ी आस्था की वस्तुओं विशेष रूप से दाढ़ी और पगड़ी पहनकर भर्ती प्रशिक्षण से स्नातक करने वाले पहले सूचीबद्ध नौसैनिक हैं।

बाल मुंडवाए बिना प्रशिक्षण शुरू करने की अनुमति

गत वर्ष अपीलीय संघीय अदालत ने सिंह को सिर और दाढ़ी के बाल मुंडवाए बिना प्रशिक्षण शुरू करने की अनुमति दी थी। सिंह ने कहा कि मैंने सिख धर्म की आस्था की वस्तुओं के साथ स्नातक किया और इससे ससे मेरी उपलब्धि में कोई बाधा नहीं आई। इसका व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए गहरा अर्थ है।