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सिंगापुर में भारतीय मूल की महिला को 14 साल की जेल, नौकरानी को प्रताड़ित करने का है आरोप

सिंगापुर में भारतीय मूल की एक महिला को 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है। महिला के ऊपर अपनी नौकरानी को प्रताड़ित करने का आरोप है जिसकी ब्रेन इंजरी की वजह से 2016 में मौत हो गई।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 09 Jan 2023 02:30 PM (IST)
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सिंगापुर में भारतीय मूल की महिला को 14 साल की जेल,
सिंगापुर, पीटीआइ। सिंगापुर में भारतीय मूल की 64 वर्षीय एक महिला को उसकी नौकरानी को प्रताड़ित करने के लिए सोमवार को 14 साल जेल की सजा सुनाई। महिला के साथ इस काम में उसकी बेटी भी शामिल थी। लगातार प्रताड़ित करने की वजह से नौकरानी की 2016 में मस्तिष्क की चोट से मौत हो गई थी।

प्रेमा एस नारायणसामी (Prema S Naraynasamy) को नवंबर 2021 में 48 आरोपों में दोषी ठहराया गया। उसने 24 वर्षीय म्यांमार की नागरिक पियांग नगैह डॉन (Piang Ngaih Don) को लगातार प्रताड़ित किया।

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प्रेमा की बेटी, 41 वर्षीय गायथिरी मुरुगयन (Gaiyathiri Murugayan) को 2021 में 30 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, जो सिंगापुर में नौकरानी के साथ दुर्व्यवहार के मामले में सबसे लंबी जेल की सजा थी। 26 जुलाई, 2016 को बार-बार दुर्व्यवहार के चलते 14 महीनों के बाद नौकरानी की ब्रेन इंजरी के चलते मौत हो गई थी।

चैनल न्यूज एशिया ने बताया कि महिला ने नौकरानी को लगातार प्रताड़ित किया, जिसमें उसके ऊपर पानी डालना या छिड़कना, उसे लात मारना, मुक्का मारना और थप्पड़ मारना, उसकी गर्दन को पकड़ना और उसके बालों को खींचना शामिल है। यही नहीं, उसने नौकरानी को डिटर्जेंट की बोतल से भी मारा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नौकरानी, ​​जिसने मई 2015 में परिवार के लिए काम करना शुरू किया था, उसका वजन 39 किलोग्राम था, जब उसकी मौत हुई तो उसका वजन केवल 24 किलोग्राम था। उसकी मौत के कुछ दिनों पहले, उसे रात में खिड़की की ग्रिल से बांध दिया गया था और कूड़ेदान से खाना निकालने की कोशिश करने पर उसके साथ मारपीट की गई।

अभियोजकों ने प्रेमा के लिए 14 से 16 साल की जेल की सजा की मांग की थी। उप लोक अभियोजक सेंथिलकुमारन सबपति ने कहा कि जेल की सजा की मांग का आधार अपराधों की "चौंकाने वाली और जघन्य प्रकृति" थी। उन्होंने इस मामले को सिंगापुर के इतिहास में एक घरेलू सहायक के दुर्व्यवहार के सबसे बुरे मामलों में से एक कहा, जिसमें प्रेमा की ओर से उच्च स्तर की शारीरिक और मनोवैज्ञानिक क्षति और "असाधारण रूप से उच्च स्तर की दोषीता" शामिल थी।

चैनल ने अभियोजक के हवाले से कहा, "उसकी (डॉन की) जिंदगी किसी बुरे सपने से कम नहीं थी।" अभियोजक ने कहा कि खाने की कोशिश करते समय उस पर हमला किया गया और घसीटा गया और घर के चारों ओर "एक चिथड़े की गुड़िया की तरह" फेंक दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रेमा की बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह दुर्व्यवहार में एक सक्रिय भागीदार थी। प्रेमा ने अपनी बेटी को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया, भले ही वह शुरू से ही ऐसा कर सकती थी।

प्रेमा के बचाव पक्ष के वकील राय सतीश ने यह कहते हुए 10 साल की जेल की सजा मांगी थी कि उसने नौकरानी के साथ दुर्व्यवहार किया, क्योंकि वह पीड़िता के बारे में अपनी बेटी की शिकायतों से निराश थी। वकील ने कहा कि छह महीने और छह साल रिमांड पर बिताने के बाद उनकी मुवक्किल जानती है कि उसने कुछ गलत किया है।

रिपोर्ट में वकील के हवाले से कहा गया है, "वह इस सब के अपराध बोध से दब गई है। आप देख सकते हैं कि रिमांड में रहने के बाद उसका शारीरिक स्वास्थ्य काफी बिगड़ गया है। 

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