इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में बाढ़ का कहर जारी, बाढ़ व भूस्खलन में अब तक 53 की मौत
बाढ़ व भूस्खलन में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि राहत एवं बचाव दल ने 31000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sat, 04 Jan 2020 10:56 AM (IST)
जकार्ता, रायटर। इंडोनेशिया में मॉनसून की बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर ने जकार्ता में एक दर्जन जिलों को जलमग्न कर दिया। बाढ़ व भूस्खलन में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि राहत एवं बचाव दल ने 170,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस प्राकृतिक आपादा में 397,000 लोग प्रभावित हैं। बता दें कि नए साल की पूर्व संध्या पर शुरू हुई मूसलाधार बारिश से जावा द्वीप के दक्षिणी छोर पर क्षेत्र और पड़ोसी लेबाक में बाढ़ और भूस्खलन हुआ।
नेशनल डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी के प्रवक्ता एगस वाइबोव ने कहा कि हमने और शव खोज लिए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि कई इलाकों में बाढ़ का पानी कम हुआ है, लेकिन नदी के किनारे वाले इलाकों में स्थिति अभी भयावह बनी हुई है। यहां जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है। कुछ इलाकों में छह मीटर (19 फीट) तक बाढ़ के पानी पहुंच गए। बाढ़ से पलायन कर गए 73,000 लोग अभी भी घर नहीं लौट पाए हैं, ज्यादातर बेकासी के सबसे कठिन इलाके में शरण लिए हुए हैं। इंडोनेशिया की आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक, जकार्ता के शहर बोगोर में 17 लोगों से ज्यादा की मौत हुई है जबकि अन्य लोगों की मौत लेबाक, बेकासी और तांगरांग शहर में हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि जकार्ता में लोगों की मौत डूबने, भूस्खलन, हाइपोथर्मिया (शरीर का असामान्य तापमान) और बिजली की चपेट में आने से हुई। घरों में पानी घुसने से भारी नुकसान हुआ और लोगों का सुरक्षित स्थानों पर पलायन जारी है। अब तक बाढ़ व भूस्खलन में 47 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी जकार्ता के तंगरंग के रिहायशी इलाके में एक नवजात शिशु को ट्यूब की मदद से सुरक्षित स्थान पर ले जाता बचावकर्मी। लगातार बारिश होने से यहां हालात गंभीर हो गए हैं। वर्ष 2007 में आई बाढ़ में 80 लोगों की मौत हो गई थी।