शेख हसीना और उनके 9 करीबियों की बढ़ीं मुश्किलें, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध की जांच शुरू
Bangladesh Issue बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और नौ अन्य लोगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इन पर एक जुलाई से पांच अगस्त के बीच छात्र आंदोलन के दौरान हिंसक कार्रवाई करने का आरोप है। बता दें कि हिंसा के बीच पांच अगस्त को ही शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद और देश दोनों छोड़ने पड़े थे।
पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और नौ अन्य लोगों के खिलाफ नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
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15 जुलाई से पांच अगस्त के बीच छात्रों के आंदोलन के दौरान हुई घटनाओं से जुड़े आरोप हसीना पर लगे हैं। बता दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक जुलाई से पांच अगस्त के बीच हुई हत्याओं से जुड़े मामलों की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में किये जाने की घोषणा की थी।
शिकायत में इनके नाम शामिल
बुधवार को शेख हसीना समेत उनकी पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत में शेख हसीना के अलावा अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क परिवहन एवं पुल मंत्री ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असद-उज-जमां खान कमाल और पार्टी के कई अन्य प्रमुख नेताओं के नाम शामिल हैं।
न्यायाधिकरण जांच की शुरू
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने बुधवार की रात से मामले की जांच शुरू कर दी है। शिकायत में अवामी लीग के अलावा उसके सहयोगी संगठनों के भी नाम शामिल हैं। इस बात की पुष्टि शिकायतकर्ता के वकील गाजी एमएच तमीम ने की।नौवीं के छात्र के पिता ने दाखिल की याचिका
‘ढाका ट्रिब्यून’ समाचार पत्र के मुताबिक नौवीं कक्षा के छात्र आरिफ अहमद सियाम के पिता बुलबुल कबीर ने यह याचिका दायर की है। बता दें कि आरिफ की आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी। याचिका में शेख हसीना और अन्य पर छात्र आंदोलन के खिलाफ हिंसक कार्रवाई करने का आरोप है।
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