Anti-Hijab Protests: हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच ईरान ने इराक के कुर्दिश इलाकों में किए ड्रोन हमले
Anti-Hijab Protests इराक सरकार ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रया नहीं दी है। कुर्दिस्तान की महसा अमीनी (22) की गत हफ्ते पुलिस हिरासत में मौत के बाद ईरान के विभिन्न हिस्सों में चल रहे आंदोलनों ने सरकार की नींद उड़ा दी है।
By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 26 Sep 2022 06:21 PM (IST)
दुबई, एपी। ईरान में हिजाब पहनने की अनिवार्यता व अन्य प्रतिबंधों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के बीच रेवोल्यूशनरी गार्ड ने सोमवार को उत्तरी इराक के कथित ईरानी कुर्दिश अलगाववादियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ ड्रोन हमले किए और गोले भी दागे। रेवोल्यूशनरी गार्ड ने शनिवार को भी इस क्षेत्र में अलगाववादियों के एक कथित प्रशिक्षण शिवर पर हमले का दावा किया था।
सरकार पोषित समाचार एजेंसी तनसीम ने एक रिपोर्ट में कहा कि रेवोल्यूशनरी गार्ड ने यह कार्रवाई अलगावावादियों की तरफ से प्रदर्शनकारियों को दिए जा रहे समर्थन व हथियारों की तस्करी के प्रयास की प्रतिक्रिया में की है। इराक सरकार ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रया नहीं दी है। कुर्दिस्तान की महसा अमीनी (22) की गत हफ्ते पुलिस हिरासत में मौत के बाद ईरान के विभिन्न हिस्सों में चल रहे आंदोलनों ने सरकार की नींद उड़ा दी है।
ईरान के विदेश मंत्रालय का बयान
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नसीर कनानी ने नूर न्यूज से कहा, 'अमेरिका हमेशा ईरान की स्थिरता व सुरक्षा को कमजोर करना चाहता है, जिसमें वह विफल रहा है।' नूर न्यूज शीर्ष सुरक्षा इकाई से संबद्ध है। कनानी ने इंस्टाग्राम पोस्ट में आरोप लगाया कि अमेरिका व कुछ यूरोपीय देश ईरान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों का समर्थन कर रहे हैं और देश के गली-चौराहों पर सरकार के समर्थन में खड़े लोगों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
इस बीच, ईरान के मुख्य शिक्षक संघ ने शिक्षकों व छात्रों से सोमवार व बुधवार को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने की अपील की है।यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने ईरान को प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई को तत्काल रोकने और इंटरनेट सेवाएं बहाल करने को कहा है। महसा को हिजाब नहीं पहनने के आरोप में तेहरान में मोरैलिटी पुलिस ने हिरासत में लिया था।
उसकी मौत से पूरी दुनिया में ईरान की किरकिरी हुई है। देश के 31 प्रांतों के 80 से ज्यादा शहरों में फैल चुके प्रदर्शनों ने सरकार को हिलाकर रख दिया है। वर्ष 2019 के बाद ईरान में ऐसा आंदोलन नहीं हुआ, जब ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर गए थे। सुरक्षा बलों व ईरानी नागरिकों के संघर्ष में 1,500 से ज्यादा लोग मारे गए थे।