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ईरान ने की पुष्टि, दो मिसाइलों के हमले से गिराया गया था यूक्रेन का यात्री विमान

ईरान ने अब यह स्वीकार कर लिया है कि दो मिसाइलों के हमले के बाद ही यूक्रेन का यात्री विमान गिरा था जिसमें 176 यात्रियों की मौत हो गई।

By Vinay TiwariEdited By: Updated: Tue, 21 Jan 2020 01:27 PM (IST)
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ईरान ने की पुष्टि, दो मिसाइलों के हमले से गिराया गया था यूक्रेन का यात्री विमान
नई दिल्ली, एजेंसी। ईरान ने अब स्पष्ट किया है कि दो मिसाइलों के हमले के बाद ही यूक्रेन का यात्री विमान गिरा था। बीते 8 जनवरी को तेहरान के इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यात्री विमान उड़ा था, उसी दौरान ईरान ने दो मिसाइलें दाग दी थी जिसकी वजह से ये यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इसमें यात्रियों के साथ क्रु मेंबरों की मौत हो गई थी। यूक्रेन का ये युक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस बोइंग 737 था। ईरानी नागरिक उड्डयन संगठन (सीएओ) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी सशस्त्र बलों द्वारा 8 जनवरी को यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस बोइंग 737 में दो मिसाइलें दागी गई थीं।

स्पूतनिक वेबसाइट और एएनआइ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को, ईरान के नागरिक उड्डयन खोजी प्राधिकरण के प्रमुख हसन रेज़िफ़ार ने कहा कि ईरान स्वतंत्र रूप से डाउन यूक्रेनी विमान से उड़ान डेटा रिकार्डर को डिकोड कर रहा था। तेहरान ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि ब्लैक बॉक्स विदेश भेजे जाएंगे या नहीं। इस विमान में ईरान, कनाडा, यूक्रेन, अफगानिस्तान, जर्मनी, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम के नागरिक 176 यात्रियों और चालक दल के सदस्य सवार थे, जो मारे गए। 

ईरानी सेना ने अनायास ही यूक्रेनियन विमान को मार गिराना स्वीकार कर लिया है। इराकी ठिकानों पर अमेरिकी सैन्यकर्मियों के खिलाफ ईरान के बड़े हमले के प्रति अमेरिका की जवाबी कार्रवाई के डर से एक क्रूज मिसाइल के साथ उसे भ्रमित किया है। ईरानी नेतृत्व ने त्रासदी को "अक्षम्य गलती" बताते हुए घटनाक्रम पर गहरा खेद व्यक्त किया। ईरान ने ये स्वीकार किया कि अमेरिकी विमान की गलती की वजह से सैनिकों ने यात्री विमान को मार गिराया। इन सैनिकों पर ईरान ने कार्रवाई भी की। 

ईरान के सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख अली आबिदजादा ने कहा, 'गड़बड़ी के बाद विमान एयरपोर्ट लौटने के लिए मुड़ा, लेकिन हादसे का शिकार हो गया।' इससे पहले ईरान ने कहा था कि विमान के ब्लैक बॉक्स मिल गए हैं लेकिन उन्हें अमेरिका को नहीं सौंपा जाएगा। यह विमान हादसा इराक में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमले के कुछ घंटे बाद ही हुआ था। दरअसल, ईरान को लग रहा था कि अमेरिका उन  पर फिर से हमला कर सकता है, इसी धोखे में सैनिकों ने इस विमान पर मिसाइल से हमला कर दिया जिसमें यात्री मारे गए।