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Iran Hijab Protest: तेहरान में एक हजार प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा चलाएगी ईरान सरकार

इरान की सरकार हिजाब के खिलाफ आंदोलन की चुनौती से डरकर कड़े कदम उठा डराने की कोशिश कर रही है। इसी के चलते अब सरकार कानून का उल्लंघन करने वाले करीब एक हजार लोगों के विरुद्ध रिवोल्युशनरी कोर्ट में मुकदमा चलाने की तैयारी में है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 31 Oct 2022 11:52 PM (IST)
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हिजाब विरोधी आंदोलन कर रहे लोगों पर रिवोल्युशनरी कोर्ट में मुकदमा चलाएगी इरान सरकार।

दुबई, रायटर: ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन की चुनौती से डरी सरकार तेहरान में अब करीब एक हजार प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा चलाने की तैयारी कर रही है। इससे पहले प्रदर्शन कुचलने के लिए सरकार सारे पैंतरे आजमा चुकी है। वहीं, प्रदर्शनकारी आंदोलन को जारी रखे हुए हैं, जबिक सरकार इसे दुश्मन देशों की साजिश बता रही है। अर्धसरकारी न्यूज एजेंसी तस्नीम न्यूज एजेंसी ने तेहरान के मुख्य न्यायाधीश के हवाले से कहा है कि देश के कानून का उल्लंघन करने वाले करीब एक हजार लोगों के विरुद्ध रिवोल्युशनरी कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा।

प्रदर्शनकारियों पर लगाए गए कई आरोप

जानकारी के अनुसार इन प्रदर्शनकारियों पर तोड़फोड़ करना, मृत सुरक्षा गार्डों से दु‌र्व्यवहार, सार्वजनिक संपत्ति में आग लगाने जैसे आरोप शामिल हैं। इसके अलावा न्यायिक प्राधिकारियों ने एलान किया है कि अन्य प्रांतों में भी सैकड़ों लोगों पर भ्रष्टाचार और ईश्वर के विरुद्ध युद्ध के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा। इसमें मौत की सजा हो सकती है।

283 प्रदर्शनकारी अब तक मारे जा चुके

हरना न्यूज एजेंसी ने दावा किया है कि अब तक सुरक्षा बलों से संघर्ष में 283 प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं, इनमें 44 नाबालिग हैं। इसके अलावा 34 सुरक्षा बलों के जवानों की भी मौत हुई है। कुर्दिश युवती महसा अमीनी की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत के बाद शुरू आंदोलन डेढ़ माह बाद भी थमता नजर नहीं आ रहा है। लोग आंदोलन के दौरान इतने निडर हो चुके हैं कि वे सड़कों पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामनेई के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं।

कई दिनों से चल रहा आंदोलन

बता दें कि दो महीने पहले 22 वर्षीय महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद इरान में हिजाब समेत अन्य प्रतिबंधों के खिलाफ आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। वर्ष 1979 की क्रांति के बाद से उठे इस आंदोलन ने ईरानी सरकार की नींद हराम कर दी है।

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