Nuclear Attack on Ukraine: क्या परमाणु हमले की तैयारी में पुतिन? बेलारूस में क्यों तैनात हो रहे रूसी सैनिक
Nuclear Attack on Ukraine पुतिन के जो इरादे दिख रहे हैं वह निश्चित रूप से खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन जंग के बाद अगस्त में अलेंक्जेंडर का यह बयान आया था कि उनका देश जेट को परमाणु हथियार ले जाने के लिए मोडिफाई कर रहा है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Mon, 17 Oct 2022 10:14 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Nuclear Attack on Ukraine: यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। रूस यूक्रेन जंग में बेलारूस के आने से युद्ध के समीकरण एक खतरनाक संकेत दे रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Putin) बेलारूस की जमीन का उपयोग परमाणु हमले के लिए कर सकते हैं। इसके पीछे उनकी सोची-समझी रणनीति है। विशेषज्ञों की राय है कि यह युद्ध तीसरे विश्व युद्ध में तब्दील हो सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि बेलारूस को इस जंग में शामिल करने के पीछे पुतिन की बड़ी रणनीति क्या है। क्या परमाणु हमले की स्थिति में नाटो संगठन (NATO) जंग के लिए तैयार होंगे। ऐसी स्थिति में अमेरिका की क्या रणनीति होगी।
रूसी सेना को बेलारूस से ड्रोन, फाइटर जेट लॉन्च करने की इजाजत
विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने रूसी सेना के लिए अपनी धरती के इस्तेमाल की इजाजत दी है। प्रो पंत ने कहा कि अलेक्जेंडर का संकेत साफ है कि बेलारूस की सेना यूक्रेन जंग में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होगी। हालांकि, रूसी सेना इस युद्ध में बेलारूस की धरती का इस्तेमाल कर सकती है। बेलारूस के राष्ट्रपति ने रूसी सेना को यह मदद ऐसे समय देने का ऐलान किया है, जब रूसी सेना यूक्रेन के प्रति ज्यादा आक्रामक हो गई है। प्रो पंत ने कहा कि इसके बाद रूसी सेना बेलारूस के जमीन से ड्रोन, फाइटर जेट लांच करने की इजाजत दी है। यह खतरनाक संकेत हैं।
क्या परमाणु हमले कर सकती है रूसी सेना
यूक्रेन युद्ध में रूसी मामलों के जानकार डा यूरी फेल्शिंस्की ने भी इसी तरह की चेतावनी दी है। प्रो पंत का कहना है कि फेल्शिंस्की की इस चेतावनी को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है। फेल्शिंस्की ने चेतावनी जारी किया है कि पुतिन बेलारूस की धरती का इस्तेमाल मिसाइल लांच और परमाणु हमले के लिए कर सकते हैं। अगर पुतिन ने ऐसा किया तो कीव कुछ मिनटों में समाप्त हो जाएगा। प्रो पंत ने कहा कि पुतिन के जो इरादे दिख रहे हैं, वह निश्चित रूप से खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन जंग के बाद अगस्त में अलेंक्जेंडर का यह बयान आया था कि उनका देश जेट को परमाणु हथियार ले जाने के लिए मोडिफाई कर रहा है। उनके इस बयान के बड़े मायने हैं। इस कड़ी को इससे जोड़कर देखा जाना चाहिए।
नाटो से सीधे टकराव से बच रहे हैं पुतिन
प्रो पंत ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन सीधे तौर पर नाटो संगठन से नहीं उलझना चाहेंगे। ऐसे में पुतिन परमाणु हमले के लिए बेलारूस की धरती का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके पीछे पुतिन की यह योजना है कि इससे रूस को सीधे हमले के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर परमाणु हमला कहीं से हो यह नाटो के लिए एक खतरनाक संकेत होगा। ऐसे में नाटो शांत नहीं बैठ सकता है। नाटो की इस युद्ध में बड़ी प्रतिक्रिया सामने आ सकती है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को भी इस बात का भय बना हुआ है कि रूसी सेना बेलारूस के जरिए उस पर हमले तेज कर सकती है।
बेलारूस में आमने-सामने हो सकते हैं नाटो और रूसी सैनिक
यूक्रेन युद्ध के बीच बेलारूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि नौ हजार रूसी सैनिकों को वह अपनी सीमा की रक्षा करने के लिए तैनात करेगा। प्रो पंत ने का कि यह खतरनाक संकेत है। उन्होंने कहा कि बेलारूस के इस कदम से नाटो देश उससे काफी नाराज है। ऐसे में अगर नाटो बेलारूस पर आक्रमण करता है, तो रूसी सेना उनके सामने होगी। ऐसे में कोई भी जंग रूसी सेना और नाटो के बीच ही होगी। रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भी बेलारूस अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए रूसी सैनिकों को अपने देश में आने की इजाजत दे सकता है। उधर, बेलारूस रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रूसी सैनिकों की पहली टुकड़ी जल्द बेलारूस पहुंच जाएगी। रूस और बेलारूस का यह गठजोड़ एक खतरनाक मोड़ पर जा रहा है।यूक्रेन जंग में नाटो के आक्रामक तेवर
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना के आक्रामक तेवर को देखते हुए नाटो ने भी जवाबी कार्रवाई के लिए कमर कस लिया है। खासकर क्रीमिया पुल के ध्वस्त होने के बाद रूसी सेना ने जिस तरह से यूक्रेनी शहरों पर मिसाइलों से हमला किया है, उसके बाद से नाटो और रूस आमने-सामने आ गए हैं। इस जंग में बेलारूस की सक्रियता से यह तनाव और बढ़ गया है। बेलारूस ने रूसी सेना के लिए जिस तरह से मदद का ऐलान किया है उससे नाटो और आक्रामक हो गया है। यह भी पढ़ें: NATO vs Russia: यूक्रेन जंग में रूसी सेना को जवाब देने के लिए आखिर क्या है नाटो की सैन्य तैयारी