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भारत में हमला करने की साजिश रच रहा ISIL-K, लड़ाकों की भर्ती के लिए बनाया खास प्लान; UN की रिपोर्ट में खुलासा

संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी समूह ‘इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवंत-खोरासान’ (आईएसआईएल-के) भारत ने अपने आकाओं के जरिए ऐसे लड़ाकों की भर्ती करना चाहता है जो अकेले ही हमलों को अंजाम दे सकें। कुछ सदस्य देशों ने अनुमान जताया है कि आईएसआईएल-के के लड़ाकों की संख्या 4000 से बढ़कर 6000 हो गई है।

By Agency Edited By: Manish Negi Updated: Wed, 31 Jul 2024 03:12 PM (IST)
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भारत में अपने आकाओं के जरिए लड़ाकों की भर्ती करना चाहता है आईएसआईएल-के (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भाषा, संयुक्त राष्ट्र। आतंकवादी समूह ‘इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवंत-खोरासान’ (आईएसआईएल-के) को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आईएसआईएल-के भारत में बड़े पैमाने पर हमले न कर पाने के बावजूद इस देश में स्थित अपने आकाओं के माध्यम से ऐसे लड़ाकों की भर्ती करना चाहता है जो अकेले ही हमलों को अंजाम दे सकें।

आईएसआईएल को लेकर जारी रिपोर्ट

आईएसआईएल, अल-कायदा और उससे जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं के बारे में विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंध निगरानी टीम की 34वीं रिपोर्ट मंगलवार को यहां जारी की गई। इसमें कहा गया है कि सदस्य देशों ने चिंता जताई है कि अफगानिस्तान से पैदा होने वाला आतंकवाद क्षेत्र में असुरक्षा का कारण बनेगा।

रिपोर्ट में क्या है?

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बड़े पैमाने पर हमले न कर पाने के बावजूद आईएसआईएल-के देश में अपने आकाओं के जरिए ऐसे लोगों की भर्ती करना चाहता है जो अकेले हमलों को अंजाम दे सके और उसने उर्दू में हिंदू-मुस्लिम द्वेष को बढ़ाने वाली तथा भारत के संबंध में अपनी रणनीति को रेखांकित करने वाली एक पुस्तिका जारी की है।

आईएसआईएल-के सबसे गंभीर खतरा बना हुआ है, जो अफगानिस्तान से परे आतंक फैला रहा है, जबकि ‘‘अल-कायदा रणनीतिक संयम बरतता है’’ और तालिबान के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है।

आतंकी संगठनों के बीच बढ़ा सहयोग

रिपोर्ट के अनुसार, तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी), तालिबान और भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) के बीच समर्थन और सहयोग बढ़ा है। वे अफगानिस्तान में लड़ाकों और प्रशिक्षण शिविर साझा कर रहे हैं और तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) के बैनर तले अधिक घातक हमले कर रहे हैं।

कुछ सदस्य देशों ने अनुमान जताया है कि आईएसआईएल-के के लड़ाकों की संख्या 4,000 से बढ़कर 6,000 हो गई है।

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