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Israel-Hamas War: ईयू ने फलस्तीन को सभी फंडिंग रोकी, इजरायल पर हमास के हमले के बाद लिया फैसला

Israel Hamas War जर्मनी ऑस्ट्रिया ने भी फलस्तीन को द्विपक्षीय मदद रोक दी है। हमास के आतंक और क्रूरता के कारण यह कार्रवाई की गई है क्योंकि हमास ने कई रॉकेट हमले किए हैं। स्पेन और आयरलैंड ने इस फैसले से असहमति जताई है। स्पेन का कहना है कि यह फैसला सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के परामर्श के बिना लिया गया है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Tue, 10 Oct 2023 04:10 AM (IST)
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Israel Hamas War ईयू ने फलस्तीन की फंडिंग रोकी।
रायटर, ब्रसेल्स। इजरायल पर हमास के हमले के बाद यूरोपीय संघ (ईयू) ने फलस्तीन को विकास के लिए दी जाने वाली सभी फंडिंग रोक दी है। यूरोपीय संघ के आयुक्त ओलिवर वर्हेली ने सोमवार को कहा कि फलस्तीनियों को विकास कार्यों के लिए किए जाने वाले सभी भुगतान को निलंबित किया जा रहा है।

हमास के आतंक के खिलाफ की कार्रवाई

यह राशि 69.1 करोड़ यूरो है। इससे फलस्तीनियों को दी जाने वाली सभी मानवीय सहायता प्रभावित होगी या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। हमास के आतंक और क्रूरता के कारण यह कार्रवाई की गई है, क्योंकि हमास ने कई रॉकेट हमले किए हैं। सूत्र ने कहा कि इस फैसले से स्पेन और आयरलैंड सहमत नहीं है। स्पेन का कहना है कि यह फैसला सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के परामर्श के बिना लिया गया है।

स्पेन के विदेश विभाग ने यूरोपीय संघ की बैठक के दौरान इस पर चर्चा की मांग की है।

आयरलैंड ने फलस्तीन की सहायता रोकने पर उठाया सवाल

वहीं आयरलैंड ने इसका कानूनी आधार पूछ लिया है। आयरिश विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, यह एकतरफा निर्णय है। फलस्तीनियों को सहायता निलंबित करने की यूरोपीय आयुक्त की घोषणा का कोई कानूनी आधार नहीं है। हम सहायता के निलंबन का समर्थन नहीं करते। वर्हेली ने कहा, सभी परियोजनाओं की समीक्षा की जा रही है।

सभी नए बजट प्रस्ताव अगली सूचना तक स्थगित कर दिए गए हैं। हालात पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को मस्कट, ओमान में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है।

वर्हेली ने एक्स पर पोस्ट किया, शांति, सहिष्णुता की नींव पर ध्यान दिया जाना चाहिए। घृणा, हिंसा और आतंक के महिमामंडन ने बहुत से लोगों के दिमाग में जहर भर दिया है। इसे पहले यूरोपीय संघ आयोग ने हमास, जिसे वह आतंकी संगठन मानता है, और फलस्तीनी लोगों, जिन्हें मानवीय सहायता की आवश्यकता है, के बीच स्पष्ट रेखा खींचने की मांग की।

बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए की जा रही थी मदद

वर्ष 2000 से यूरोपीय आयोग के मानवीय सहायता विभाग (ईसीएचओ) और मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के माध्यम से फलस्तीनियों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद के लिए मानवीय सहायता प्रदान की है।

2000 के बाद से ईसीएचओ ने गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में फलस्तीनियों को 70 करोड़ यूरो की मानवीय सहायता प्रदान की है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि लगभग 21 लाख लोग लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, इनमें से 10 लाख बच्चे हैं।

जर्मनी, आस्टि्रया ने भी द्विपक्षीय मदद रोकी

इजरायल पर हमास के हमले के बाद आस्टि्रया और जर्मनी ने फलस्तीन को द्विपक्षीय मदद रोकने की सोमवार को घोषणा की। दोनों देशों ने कहा कि फलस्तीन को करोड़ो यूरो की सहायता इसलिए रोकी जा रही है ताकि फंड गलत हाथों में न पहुंचे और उसका दुरुपयोग न हो।

दोनों देशों ने कहा कि वे फलस्तीन के साथ अपनी भागीदारी की समीक्षा करना चाहते हैं। इस बारे में इजरायल और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से चर्चा की है। बर्लिन ने कहा कि वह सुनिश्चित करना चाहता है कि क्षेत्र में शांति रहे।

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने कहा, उनका देश लगभग 1.9 करोड़ यूरो की सहायता निलंबित कर रहा है। यह सहायता विकास परियोजनाओं के लिए दी जानी थी।

जर्मनी बोला- आतंक फैलाने के लिए नहीं दिया जाता फंड

वहीं जर्मनी की आर्थिक सहयोग और विकास मंत्री स्वेंजा शुल्ज ने कहा, बर्लिन ने फलस्तीन के साथ द्विपक्षीय सहायता परियोजनाओं के साथ अपनी भागीदारी की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। फिलहाल कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। यह इजरायल के प्रति हमारी अटूट एकजुटता की भी अभिव्यक्ति है। हम अपने साझेदारों के साथ संपर्क में हैं और हर चीज की समीक्षा कर रहे हैं।

शुल्ज ने कहा कि फलस्तीनियों के लिए उसकी सहायता ''शांति के लिए है न कि आतंकवादियों के लिए''।

जर्मनी के विकास मंत्रालय ने फलस्तीन में द्विपक्षीय परियोजनाओं के लिए 25 करोड़ यूरो निर्धारित किए हैं। यह नहीं बताया गया है कि इसमें से कितना वह इस वर्ष पहले ही दे चुका है। इटली ने कहा कि सहायता निलंबित करने पर बहस करना ठीक नहीं है