Israel Hamas War: फलस्तीन ने अब भारत से लगाई गुहार, कहा- आप शक्तिशाली हो, अपनी ताकत दिखाकर हमें इजरायल से बचाएं
इजरायल और हमास के बीच बीते कई दिनों से युद्ध हो रहा है। इस युद्ध के दौरान गाजा पट्टी में अब तक 11 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इस युद्ध के बीच 15 हजार से अधिक लोग बेघर और विस्थापित हो चुके हैं। अब फलस्तीन की नजरें भारत की ओर देख रही हैं। फलस्तीन ने अब उन्हें बचाने के लिए भारत से मदद की गुहार लगाई है।
पीटीआई, ऑनलाइन डेस्क। इजरायल और हमास के बीच बीते कई दिनों से युद्ध हो रहा है। इस युद्ध के दौरान गाजा पट्टी में अब तक 11 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस युद्ध के बीच 15 हजार से अधिक लोग बेघर और विस्थापित हो चुके हैं। इस युद्ध के बीच अब फलस्तीन की नजरें भारत की ओर देख रही हैं। फलस्तीन ने अब उन्हें बचाने के लिए भारत से मदद की गुहार लगाई है।
भारत की ओर देख रहा फलस्तीन
वहीं, भारत में फलस्तीनी राजदूत अदनान अबू अलहैजा ने पीटीआई न्यूज को बताया, महात्मा गांधी के बाद से भारत ने शुरू से ही फलस्तीनी मुद्दे को समझा है। यूरोपीय, अमेरिकियों और अरबों को शांति के लिए इजरायल पर दबाव डालने की जरूरत है क्योंकि वे इनकार कर रहे हैं।
VIDEO | "India has understood the Palestinian cause from the beginning, since Mahatma Gandhi. The Europeans, Americans, and Arabs need to exert pressure on Israel to pursue peace because they are refusing," Palestinian Ambassador to India Adnan Abu Alhaija tells @PTI_News.
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फलस्तीनी राजदूत ने कहा, हम शांति चाहते हैं, हम दुनिया के किसी भी शांति प्रेमी की तरह रहना चाहते हैं, हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे अपनी मातृभूमि में स्वतंत्र रूप से खेलें। आइए इस युद्ध को समाप्त करें। हमें आत्मनिर्णय और शांति का अधिकार है।
भारत में फलस्तीनी राजदूत अदनान अबू अलहैजा ने पीटीआई न्यूज को बताया, (बेंजामिन) नेतन्याहू दुनिया के सबसे बड़े झूठे हैं। वह 'ईरान, ईरान' कहते रहते हैं। यहां तक कि अमेरिकियों ने भी स्पष्ट किया कि उन्हें इस संघर्ष में कोई ईरानी संलिप्तता नहीं मिली है। फलस्तीनी प्राधिकरण को ईरान से कोई समर्थन नहीं मिलता है।
अदनान अबू अलहैजा ने पिछले महीने भारत के कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी, जिनमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), जनता दल (यूनाइटेड) और अन्य दलों के नेता शामिल थे।
एक संयुक्त बयान में कहा गया, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने और फलस्तीनी लोगों के अधिकारों और पहचान का सम्मान करने के लिए इजरायल पर दबाव डालना चाहिए। हम क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए गहन राजनयिक प्रयासों और बहुपक्षीय पहल का आह्वान करते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, इजरायल ने बुधवार तड़के गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफा पर धावा बोल दिया। इजरायली सेना को संदेह है कि यहां सुरंगों का इस्तेमाल हमास कमांडरों द्वारा ठिकाने के रूप में किया जा रहा था।
हालांकि हमास ने अस्पताल के भीतर उभर रहे मानवीय संकट पर जोर देते हुए इन आरोपों का जोरदार खंडन किया। रिपोर्टों के अनुसार अस्पताल हजारों फलस्तीनी मरीजों और हिंसा से बचने के लिए शरण लेने वाले व्यक्तियों से भरा हुआ है।
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