Israel-Hamas War: किशोर बेटे को बचाने के लिए मां-बाप ने दे दी अपनी जान, आपबीती पढ़कर भर आएंगी आंखें
इजरायल में हमास की गोलीबारी से अपने बेटे को बचाने के लिए माता-पिता ने जान दे दी। मथियास परिवार गाजा सीमा के पास दक्षिणी इजराइल में एक किबुत्ज में रहता था। 7 अक्टूबर को हमास के हमले की चेतावनी मिलने के बाद मथियास परिवार के पास सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए 1 मिनट से भी कम समय था। तभी हमास के आतंकियों ने उनके घर पर हमला कर दिया।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Fri, 13 Oct 2023 08:30 AM (IST)
एजेंसी, जेरुसलम (इजराइल)। इजरायल में हमास की गोलीबारी से अपने बेटे को बचाने के लिए माता-पिता ने जान दे दी। मथियास परिवार गाजा सीमा के पास दक्षिणी इजराइल में एक किबुत्ज में रहता था। 7 अक्टूबर को हमास के हमले की चेतावनी मिलने के बाद मथियास परिवार के पास सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए 1 मिनट से भी कम समय था। तभी हमास के आतंकियों ने उनके घर पर हमला कर दिया।
वे रॉकेट हमलों से बचने के लिए अपने घर में बने बम शेल्टर में छिप गए। उनके घर में रॉकेट हमलों से बचने के लिए एक छोटा सा कमरा पहले से बना हुआ था। हमास के हमलावरों से बचने की कोशिश में माता-पिता श्लोमी माथियास और डेबी माथियास मारे गए। लेकिन उन्होंने मरते-मरते अपने 16 वर्षीय बेटे रोटेम माथियास को बचा लिया।
हमले में श्लोमी माथियास का हाथ कट गया
श्लोमी माथियास के रिश्तेदारों ने बताया कि हमास के आतंकवादियों से बचने की कोशिश में उनका हाथ कट गया था। इसी बीच, हमास के हमलावरों ने डेबी माथियास को भी गोलियों से भुन दिया। उन्होंने आखिरी वक्त में चिल्लाते हुए अपने बेटे रोटेम को नीचे उतरने को कहा।रिश्तेदारों ने द एसोसिएटेड प्रेस को बताया, '16 वर्षीय रोटेम अपनी मां के शव के नीचे लगभग 30 मिनट तक घायल अवस्था में पड़ा रहा। फिर वह एक बिस्तर के नीचे और बाद में बगल के कपड़े धोने वाले कमरे में एक कंबल के नीचे छिप गया। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली सैनिकों द्वारा बचाए जाने से पहले रोटेम दो बार हमलावरों से बचने में कामयाब रहा। इस दौरान हमास के आतंकी उसको देखकर लगातार हंस भी रहे थे।
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— Israel ישראל 🇮🇱 (@Israel) October 9, 2023
Their children are now orphans.
Images like these are extremely difficult to share. But we have no choice.
For the victims. For the families.
Remember Shlomi and Shachar 💔 pic.twitter.com/szF1JNrt68
'मैं मां के शव के नीचे पड़ा था'
रोटेम माथियास ने अस्पताल से एक साक्षात्कार में एबीसी न्यूज को बताया, 'मेरे पिता ने जो आखिरी बात कही थी, वह यह थी कि उन्होंने अपना हाथ खो दिया है।' रोटेम ने कहा, 'मेरी मां को गोली लग गई थी और वो मेरे ऊपर गिर गई थी। मैं अपनी मां के शव के नीचे घायल अवस्था में 30 मिनट तक दबा रहा। इस दौरान मैंने हमलावरों के डर से अपनी सांसें रोक ली थी। मैं हिल नहीं पाया और काफी भयभीत हो गया था। मैंने कोई शोर नहीं मचाया। मैं बस मन ही मन भगवान को याद कर रहा था। मैं बस भगवान से यह प्रार्थना कर रहा था कि हमास के हमलावर मुझे ढूंढ न पाएं।'परिवार की कहानी एक समूह चैट के माध्यम से सामने आई है, जिसमें कपल ने शुरू में अरबी में आवाजें, कांच टूटने और गोलीबारी की आवाजें आने की सूचना दी। बाद में 20 मिनट तक के लिए उनकी ओर से कोई संदेश नहीं आया फिर रोटेम ने एक मैसेज भेजा कि उसके माता-पिता की हत्या कर दी गई है।
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