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Israeli Attack on Rafah: रफाह में इजरायली सेना की सबसे बड़ी कार्रवाई, हवाई हमले में 45 लोगों की मौत

हमास के इजरायल पर मिसाइल हमले के 24 घंटे के भीतर इजरायली सेना ने रफाह पर हवाई हमला कर 45 लोगों को मार डाला। हमले में दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। इजरायली हमला दक्षिणी गाजा के उस रफाह शहर पर हुआ है जिसे शरणार्थियों के ठिकाने के तौर पर निर्दिष्ट किया गया है। मारे गए लोगों में 23 महिलाएं बच्चे और वृद्ध हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Mon, 27 May 2024 11:45 PM (IST)
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मिसाइल हमले के 24 घंटे के भीतर इजरायली सेना ने रफाह पर हवाई हमला कर 45 लोगों को मार डाला।

रॉयटर्स, यरुशलम। हमास के इजरायल पर मिसाइल हमले के 24 घंटे के भीतर इजरायली सेना ने रफाह पर हवाई हमला कर 45 लोगों को मार डाला। हमले में दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। इजरायली हमला दक्षिणी गाजा के उस रफाह शहर पर हुआ है जिसे शरणार्थियों के ठिकाने के तौर पर निर्दिष्ट किया गया है। मारे गए लोगों में 23 महिलाएं, बच्चे और वृद्ध हैं। इन्हें मिलाकर सात अक्टूबर, 2023 से गाजा में जारी इजरायली हमलों में मरने वाले फलस्तीनियों की संख्या 36,050 हो गई है।

इजरायल ने कहा है कि पुष्ट खुफिया सूचना के आधार पर उसने रफाह में हमास आतंकियों के शस्त्रागार पर हमला किया लेकिन उसमें आमजनों के मारे जाने की जांच होगी। रविवार रात इजरायली हमला रफाह के बाहरी इलाके तेल अल-सुल्तान पर हुआ। वहां पर हजारों बेघर फलस्तीनी शरण लिए हुए हैं। रेडक्रॉस ने कहा है कि रफाह में उसके फील्ड हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में शव और घायल लाए जा रहे हैं, इससे लगता है कि हमले से पीड़ितों की संख्या काफी ज्यादा है। नजदीक के अन्य अस्पतालों में भी घायलों का इलाज चल रहा है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इजरायली हमले से शरणार्थियों के टेंटों में आग लग गई और उन्हें निकल भागने का भी समय नहीं मिला और वे उसी में जलकर मर गए। हमास के वरिष्ठ नेता सामी अबू जुहरी ने इसे फलस्तीनियों का नरसंहार बताया है और इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार बताया है जो इजरायल को हथियार और धन दे रहा है।

रफाह के पूर्व में इजरायली सेना और हमास के लड़ाकों के बीच दो हफ्ते से लड़ाई जारी है लेकिन भारी खूनखराबे वाला ऐसा हमला रफाह क्षेत्र में पहली बार हुआ है। इसे रविवार को इजरायल पर हुए हमास के मिसाइल हमले का जवाब माना जा रहा है। रफाह से हुए हमास के हमले से इजरायल को बड़ा नुकसान नहीं हुआ था लेकिन सात महीने के युद्ध के बाद उसे सशस्त्र संगठन के हौसले के तौर पर देखा गया था। उसी के बाद इजरायल की वार कैबिनेट की बैठक हुई और उसमें रफाह पर जवाबी कार्रवाई निर्णय लिया गया।