Kenya Presidential Election 2022: केन्या के पांचवें राष्ट्रपति बनेंगे रूटो, सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी उम्मीदवार के आरोपों को किया खारिज
Kenya Presidential Election 2022 केन्या के नए राष्ट्रपति विलियम रूटो ही बनेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी उम्मीदवार रैला ओडिंगा के धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया। रुटो केन्या के पांचवे राष्ट्रपति होंगे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
नैरोबी (केन्या), एजेंसी। Kenya Presidential Election 2022: केन्या के सुप्रीम कोर्ट (Kenya Supreme Court) ने सोमवार को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनाव के आधिकारिक परिणामों की चुनौतियों को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने उप राष्ट्रपति विलियम रूटो (Deputy President Willian Ruto) की जीत को बरकरार रखा।
मुख्य न्यायाधीश ने धोखाधड़ी के आरोपों को किया खारिज
मुख्य न्यायाधीश मार्था कूमे ने विपक्षी नेता रैला ओडिंगा के धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया। कूमे, जो सात सदस्यीय अदालत के प्रमुख हैं, ने कहा, 'यह अदालत का एक सर्वसम्मत निर्णय है। यह अदालत पहले प्रतिवादी (विलियम रूटो) के राष्ट्रपति-चुनाव के चुनाव को बरकरार रखती है।'
कूमे ने झूठी गवाही की संभावना भी जताई, स्पष्ट रूप से यह कहते हुए कि मतदान केंद्रों के एजेंटों की ओर से कथित रूप से हलफनामा दायर करने वाले दो लोगों ने एजेंटों से बात नहीं की थी और अपने हलफनामों के साथ झूठे फार्म संलग्न किए थे।
कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं- रैला ओडिंगा
केन्या के विपक्षी नेता रैला ओडिंगा (Opposition Candidate Raila Odinga), जिनकी उनके प्रतिद्वंद्वी विलियम रुटो की राष्ट्रपति चुनाव की जीत को रद करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था, ने सोमवार को कहा कि वह इस फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन असहमत हैं। इससे पहले, लोग ओडिंगा के पहले संबोधन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, यह देखने के लिए कि क्या वह विरोध का आह्वान करते हैं या फैसले को स्वीकार करते है, जैसा कि उन्होंने पहले वादा किया था।
ओडिंगा ने चुनाव में अनियमितताओं का लगाया आरोप
विपक्षी उम्मीदवार रैला ओडिंगा ने 9 अगस्त को हुए चुनाव में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। हालांकि अदालत ने विभिन्न दावों के लिए बहुत कम या कोई सबूत नहीं पाया और कुछ को 'गर्म हवा से ज्यादा कुछ नहीं' कहा।
कौन हैं रुटो?
55 वर्षीय रुटो 2013 से निवर्तमान राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा के डिप्टी के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन पिछले चुनाव के बाद केन्याटा के साथ बाहर हो गए। केन्याटा ने इसके बाद अपने लंबे समय के प्रतिद्वंद्वी ओडिंगा के साथ गठबंधन किया। हालांकि इसका फायदा उन्हें नहीं मिला और चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
रूटो पहले सड़क किनारे चिकन बेचते थे। उनके अभियान ने केन्या के दो सबसे शक्तिशाली राजनीतिक परिवारों को हराया। वे एक अस्थिर क्षेत्र में एक पश्चिमी सहयोगी की कमान संभालते है, जो कई वैश्विक कंपनियों और संगठनों के क्षेत्रीय मुख्यालय की मेजबानी करता है। अफ्रीका में पहली बार, 2017 में हुए चुनाव में अदालत ने राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को उलट दिया था।
रूटो के सामने कई चुनौतियां
रुटो को केन्या के पांचवें राष्ट्रपति के रूप में ऐसे समय में शपथ दिलाई जाएगी जब पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें अरबों डालर का ऋण और भोजन और ईंधन जैसी बुनियादी वस्तुओं की बढ़ती लागत शामिल है।