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India US Relations: 5 बिंदुओं में जानिए आखिर भारत पर क्‍यों फ‍िदा हैं बाइडन, बार-बार क्‍यों कर रहे हैं तारीफ

India US Relations अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन हाल के दिनों में कई बार भारत और पीएम नरेंद्र मोरी की तारीफ कर चुके हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि बाइडन की इस तारीफ के कूटनीतिक मायने क्‍या हैं। आखिर बाइडन भारत पर क्‍यों फ‍िदा है।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sat, 19 Nov 2022 11:47 AM (IST)
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India US Relations: 5 बिंदुओं में जानिए आखिर भारत पर क्‍यों फ‍िदा हैं बाइडन। एजेंसी।
नई दिल्‍ली, जेएनएन। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन हाल के दिनों में कई बार भारत और पीएम नरेंद्र मोरी की तारीफ कर चुके हैं। उन्‍होंने भारत की यह तारीफ ऐसे समय की है, जब यूक्रेन जंग के दौरान अमेरिका ने भारत की तटस्‍थता नीति की निंदा की है। उधर, हाल के दिनों में अमेरिका का झुकाव पाकिस्‍तान की ओर भी बढ़ा है। अमेरिकी विमान एफ-16 को लेकर बाइडन प्रशासन ने पाकिस्‍तान की मदद की थी। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी आपत्ति भी दर्ज की थी। ऐसे में यह सवाल उठता है कि बाइडन की इस तारीफ के कूटनीतिक मायने क्‍या हैं। आखिर बाइडन भारत पर क्‍यों फ‍िदा है। इस पर विशेषज्ञों की क्‍या राय है।

1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि अमेरिका यह जानता है कि भारत का पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान बहुत विश्‍वसनीय नहीं है। खासकर पाकिस्‍तान और चीन की निकटता अमेरिका को कभी रास नहीं आई। इसके चलते अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्‍ते काफी निचले स्‍तर पर चले गए थे।

हालांकि, ट्रंप के बाद बाइडन प्रशासन की दक्षिण एशियाई नीति में थोड़ा बदलाव आया है। बाइडन प्रशासन ने पाकिस्‍तान के साथ रिश्‍तों को सामान्‍य बनाने की पहल की है। हालांकि, बाइडन प्रशासन भारत के साथ अपने संबंधों को बिगाड़ कर पाकिस्‍तान के साथ रिश्‍तों को नहीं बनाना चाहता है। यही कारण है कि बाइडन प्रशासन बीच-बीच में भारत की तारीफ कर रिश्‍तों को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटा रहता है।

2- प्रो पंत ने कहा कि यूक्रेन जंग के बाद भारत-अमेरिका के रिश्‍तों में थोड़ा उतार चढ़ाव देखा गया है। इसके बावजूद रणनीतिक रूप से अमेरिका के लिए भारत बेहद उपयोगी देश है। खासकर तब जब दक्षिण चीन सागर, हिंद प्रशांत क्षेत्र और ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के रिश्‍ते काफी तल्‍ख हैं। दोंनो देशों के बीच शीत युद्ध की स्थिति है। चीन, अमेरिका के लिए एक नई आर्थिक और सामरकि चुनौती पेश कर रहा है।

इधर, सीमा विवाद के चलते भारत और चीन के साथ संबंध काफी तनावपूर्ण चल रहे हैं। यही कारण है कि अमेरिका की दक्षिण एशियाई नीति में भारत अभी भी नंवर वन बना हुआ है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत, अमेरिका के नेतृत्‍व वाले क्‍वाड संगठन का भी हिस्‍सा है।

3- प्रो पंत ने कहा कि पाकिस्‍तान में शाहबाज सरकार के गठन के बाद अमेरिका के साथ रिश्‍ते सामान्‍य बनाने की कोशिश जारी है। अमेरिका के विदेश मंत्री के एक सलाहकार ने हाल ही में पाकिस्‍तान की यात्रा की थी। बाइडन प्रशासन ने 45 करोड़ डालर के हथियार और उपकरण एफ-16 फाइटर जेट के लिए दिए हैं। अमेरिका ने बाढ़ से पीड़‍ित पाकिस्‍तान को अन्‍य आर्थिक मदद भी मुहैया कराई थी। इससे यह संकेत मिलता है कि दोनों देश एक दूसरे के निकट आ रहे हैं।

पाकिस्‍तान में नई सरकार के गठन के बाद पाक के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी अमेरिका गए थे। ऐसे में बाइडन प्रशासन एक तरफ पाकिस्‍तान से संबंधों को ठीक करना चाहता है, उधर भारत को भी साधने में जुटा है। यहीं कारण है कि तमाम मतभेदों के बावजूद बाइडन प्रशासन भारत के साथ निकटता बनाए रखने के लिए कोई मौका नहीं गंवाना चाहता है। यह कहा जा सकता है कि बाइडन प्रशासन की दक्षिण एशियाई नीति पाकिस्‍तान और भारत को एक साथ साधने में जुटी है।

4- प्रो पंत ने कहा कि दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों में भारतीय अमेरिकी लोगों का अहम रोल रहा है। अमेरिकी राजनीति में भारतीय लोग प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं। अमेरिका में भारतीय एक महत्‍वपूर्ण वोट बैंक के रूप में उभर रहे हैं। भारतीयों का दखल अमेरिका की सियासत में बढ़ रहा है। इस वक्‍त 50 लाख से ऊपर भारतीय अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ हैं।

अप्रवासन कानून के संबंध में, भारतीय प्रवासियों ने अमेरिका की 1965 अप्रवासन नीति में भारतीयों के लिए अप्रवासन कानूनों के पक्ष में अहम भूमिका निभाई थी। वर्ष 2016 के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं की प्रशंसा की थी। उन्‍होंने भारतीय अमेरिकी लोगों की राजनीतिक भागीदारी पर प्रकाश डाला था। इसके बाद अमेरिकी की राजनीति में भारतीय अमे‍रिकी वर्चस्‍व को मान्‍यता मिली है।

5- प्रो पंत ने कहा कि बाइडन के भारत तारीफ के पीछे अमेरिका की आंतरिक राजनीति भी एक बड़ा फैक्‍टर रहा है। अमेरिका में मध्‍यावधि चुनाव के वक्‍त अमेरिका के कई राज्‍यों में भारतीयों की अहम भूमिका रही है। कई राज्‍यों में वह निर्णायक मतदाता के रूप में उभर कर आए हैं। प्रो पंत बाइडन की इस तारीफ को इस कड़ी से जोड़कर देखते हैं।उन्‍होंने कहा कि बाइडन जानते हैं कि भारत की तारीफ करके वह अमेरिका में रह रहे भारतीय मतदाताओं को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर आकर्षित कर सकते हैं। प्रो पंत ने कहा कि अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के वक्‍त भी ट्रंप और बाइडन ने भारतीय कार्ड खेला था। वर्ष 2024 में अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव होने हैं, ऐसे में बाइडन भारतीय वोट बैंक को लुभाने के लिए भी भारतीय कार्ड का इस्‍तेमाल कर सकता है।