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कभी रफ्तार थी जिसकी गुलाम आज चलने को है मोहताज, 50 बरस के हुए माइकल शूमाकर

माइकल शूमाकर वो नाम है जिसको पूरी दुनिया कभी नहीं भूल सकेगी। रफ्तार उनकी पहचान थी। लेकिन आज वह खुद चलने से मोहताज हैं।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 03 Jan 2019 05:04 PM (IST)
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कभी रफ्तार थी जिसकी गुलाम आज चलने को है मोहताज, 50 बरस के हुए माइकल शूमाकर
नई दिल्ली [जागरण स्‍पेशल]। फार्मूला वन कार रेसिंग के बेताज बादशाह माइकल शूमाकर का आज जन्मदिन है। माइकल शूमाकर आज पूरे 50 साल के हो गए। जर्मनी ने जन्मे माइकल शूमाकर फार्मूला वन रेसिंग के सात बार चैंपियन रह चुके है। फार्मूला वन सर्किट में उनकी कार गोली की रफ्तार से दर्शको की आंखों के सामने से ओझल हो जाती थी। एक समय था जब माइकल शूमाकर रफ्तार का दूसरा नाम हुआ करता था।

ऐसे हुआ रेसिंग से प्यार
शूमाकर का जन्म 3 जनवरी 1969 को जर्मनी में हुआ था। जब शूमाकर छोटे थे तब उनके पिता ने उनकी तिपहिया गाडी में एक मोटरसाइकल का इंजन फिट कर दिया था, इस तरह शूमाकर का पहला परिचय रेसिंग से हुआ। बचपन में जब एक बार वो इस गाडी को अपनी घर के पास चला रहे थे तो उनकी गाडी खम्बे से टकरा गई। इस घटना के बाद उनके पिता ने उनको स्थानीय कार्टिंग क्लब में ले गए। माइकल शूमाकर इस क्लब के सबसे कम उम्र से सदस्य थे। छह साल की उम्र में माइकल शूमाकर ने पहली बार रेस जीती।

उनके पिता ने ख़राब गाड़ियों के सही पुर्जो को जोड़कर उनके लिए एक कार बनाई थी। शूमाकर के माता-पिता आर्थिक रूप से कमज़ोर थे, उन्होंने शूमाकर के ख़्वाब को पूरा करने के लिए पुरानी गाड़ियों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया। शूमाकर की मां ने कार्टिंग क्लब के कैंटीन में नौकरी कर ली। 1983 में उन्होंने रेसिंग का लाइसेंस हासिल किया। लाइसेंस हासिल करने के एक साल बाद ही उन्होंने जूनियर जर्मन चैंपियनशिप जीती। इसके बाद एक के बाद कई रेस के चैंपियन बने।

फार्मूला वन की शुरुआत
माइकल शूमाकर ने 1991 में जॉर्डन से फार्मूला वन कार रेसिंग से करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 1994, 1995, 2000, 2001, 2002, 2003, 2004 में सात बार फार्मूला वन चैंपियनशिप जीती। माइकल शूमाकर ने अपने 19 साल के रेसिंग करियर में 90 से ज़्यादा रेस जीती थी।  उन्होंने दो बार रेसिंग को अलविदा कहा लेकिन ये उनका रेसिंग के प्रति प्यार और जूनून ही था जो उन्हें एक नहीं बल्कि दो बार फार्मूला वन ट्रैक पर वापिस लौटा लाया। उन्होंने ने पहली बार वर्ष 2006 में रेसिंग से संन्यास ले लिया था लेकिन साल 2010 में उन्होंने फिर ट्रैक पर वापसी की और फिर 2012 में दोबारा रेसिंग से संन्यास ले लिया। 2013 में स्विट्ज़रलैंड में स्कीइंग के दौरान एक पहाड़ से टकराने के बाद माइकल शूमाकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना के बाद वो लम्बे समय तक कोमा में रहे। इसके बाद कई साल के बाद वो कोमा से बाहर आए। हालां‍कि वह अब भी चलने से मोहताज हैं। 

पत्नी का भावुक बयान
माइकल शूमाकर के पत्नी ने उनके जन्मदिन के दो दिन पहले फेसबुक पर एक भावुक बयान जारी किया। इस बयान में उन्होंने माइकल शूमाकर के प्रशंसकों को प्रार्थनाओं के लिए शुक्रिया अदा किया। इस बयान में बताया की माइकल शूमाकर को फिर से सामान्य रूप से वापिस लाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने माइकल शूमाकर की स्थिति पर निजता की गुहार लगाईं। इस बयान में शूमाकर की पत्नी ने सभी प्रशंसकों से उनके जन्मदिन को मनाने की अपील भी की। इस मौके पर एक एप भी जारी किया गया। इस एप में एक वर्चुअल म्यूजियम है। इसमें माइकल शूमाकर की बड़ी उपलब्धियों को दिखाया गया है। माइकल शूमाकर की बेटी ने सोशल मीडिया पर एक फोटो जारी किया और लिखा 'दुनिया के बेस्ट पापा'। माइकल शूमाकर के परिवार वाले, दोस्त और उनके फैन्स उन्हें एक योद्धा के रूप में देखते हैं। उनको उम्मीद है की वो फिर से पूरी तरह ठीक हो जाएंगे।