Mahsa Amini death: हिरासत में अमीनी की मौत के विरोध में ईरानी महिलाओं ने कटाए बाल, हिजाब जलाए
पुलिस हिरासत में कुर्दिश महिला 22 वर्षीया माहसा अमीनी की मौत के विरोध में ईरान की महिला प्रदर्शनकारियों ने बाल कटाए और हिजाब जलाए। महिलाएं पर्दे में रहने के कठोर नियम का विरोध कर रही हैं। ईरान की न्यायपालिका ने महिला की मौत की जांच शुरू कर दी है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 08:59 PM (IST)
तेहरान, एजेंसी। पुलिस हिरासत में कुर्दिश महिला 22 वर्षीया माहसा अमीनी की मौत के विरोध में ईरान की महिला प्रदर्शनकारियों ने बाल कटाए और हिजाब जलाए। महिलाएं पर्दे में रहने के कठोर नियम का विरोध कर रही हैं। ईरान की न्यायपालिका ने महिला की मौत की जांच शुरू कर दी है। ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहना अनिवार्य है। हिजाब नहीं पहने होने के कारण मोरलिटी पुलिस ने शुक्रवार को परिवार के साथ तेहरान घूमने आई अमीनी को हिरासत में लिया था और थाने में उसकी मौत हो गई।
पुलिस का दावा है कि हार्ट अटैक से उसकी मौत हुई, लेकिन परिवार ने शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उसकी मौत के बाद लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध शुरू कर दिया। शनिवार को साकेज में उसके जनाजे में शामिल लोगों ने प्रदर्शन किए।ईरान की पत्रकार मासिह अलिनेजाद ने अपने इंटरनेट मीडिया पोस्ट में महिलाओं के बाल कटाने का वीडियो पोस्ट किया है। मासिह ने लिखा, 'ईरानी महिलाएं बाल कटवाकर और हिजाब जलाकर 'हिजाब पुलिस' द्वारा अमीनी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं।'
एक दूसरी ईरानी पत्रकार ने तेहरान विश्वविद्यालय की तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट में कहा है कि 'हिजाब पुलिस' के हाथों अमीनी की मौत का छात्रों ने भी विरोध किया।एक दिन पहले कुर्दिश शहर सानांदाज के आजादी चौराहे पर अमीनी की मौत का विरोध कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारी महिलाओं एवं पुरुषों ने कार के शीशे तोड़ दिए और सड़क पर आग लगा दी।
सरकारी मीडिया के मुताबिक, ईरानी अधिकारियों ने अमीनी की मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी है। फोरेंसिक जांच की परिणाम आने में तीन हफ्ते का समय लग सकता है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में हिजाब उतारने वाली महिलाओं के खिलाफ नैतिकता पुलिस कार्रवाई करती देखी जा रही है। ईरानी पुलिस महिलाओं के धक्का-मुक्की करती और उन्हें प्रताड़ित करती देखी जा रही है। ईरान के शरिया कानून के अनुसार, महिलाओं को बाल ढंकने और ढीले-ढाले कपड़े पहनने के लिए बाध्य किया जाता है। ऐसा न करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। बता दें कि हाल के कुछ महीनों में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पर्दा हटाने को लेकर मुहिम तेज की है।
अमीनी कुर्दिस्तान के सकेज की रहने वाली थीं। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो के मुताबिक, सकेज में शनिवार को अमीनी के अंतिम संस्कार के वक्त महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। साकेज से संसद सदस्य बेहजाद रहीमी ने अर्ध-सरकारी आईएलएनए समाचार एजेंसी को बताया कि अंतिम संस्कार में कुछ लोग घायल हो गए थे। एक को सकेज के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुर्द अधिकार समूह हेंगा ने कहा कि साकेज में 33 लोग घायल हुए। सोशल मीडियो पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा रहा है कि रविवार को सैकड़ों महिलाएं तेहरान में विश्वविद्यालय के पास इकट्ठा हुई और हिजाब उतारकर सरकार विरोधी प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर फारसी हैशटैग ट्रेंड कराते हुए विरोध किया जा रहा है। इस हैशटैग के साथ अब तक 16 लाख 30 हजार ज्यादा पोस्ट शेयर की जा चुकी हैं।