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Maldives: क्या भारत का विरोध करने पर जाएगी मुइज्जू की कुर्सी? मालदीव में संसदीय चुनाव की वोटिंग शुरू; चीन की भी है नजर

Maldives Election 2024 मालदीव में संसदीय चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। हिंद महासागर पर नियंत्रण के लिए भारत और चीन की इस चुनाव पर कड़ी नजर रहने वाली है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने ये चुनाव इंडिया आउट के अभियान के तहत लड़ा था और हमेशा चीन का समर्थन किया है। मालदीव के चुनाव के नतीजे देर रात आ सकते हैं।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 21 Apr 2024 12:06 PM (IST)
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Maldives Election 2024 मालदीव में आज चुनाव।
एजेंसी, माले। Maldives Election 2024 मालदीव में आज संसदीय चुनाव हो रहे हैं। ये चुनाव मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, मुइज्जू की भारत विरोधी नीति को लेकर वहां के लोगों की राय भी सामने आएगी। मालदीव के चुनाव पर भारत और चीन की भी नजर है, क्योंकि दोनों देश द्वीपसमूह राष्ट्र में प्रभाव जमाना चाहते हैं।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने ये चुनाव 'इंडिया आउट' के अभियान के तहत लड़ा था। बता दें कि मालदीव के चुनाव के नतीजे देर रात आ सकते हैं। 

भारत और चीन की चुनाव पर नजर

मालदीव हिंद महासागर में रणनीतिक तौर पर अहम जगह पर स्थित है, जिस कारण भारत और चीन दोनों इस पर प्रभाव जमाना चाहते हैं। पिछले साल राष्ट्रपति के रूप में मुइज्जू ने भारत और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता को तेज कर दिया था। मुइज्जू  ने चीन समर्थक रुख अपनाया था और देश के एक द्वीप पर तैनात भारतीय सैनिकों को हटाने का काम किया।

93 सीटों के लिए 368 उम्मीदवार मैदान में

संसद में बहुमत हासिल करना मुइज्जू के लिए कठिन होगा, क्योंकि उनके कुछ सहयोगी अलग हो गए हैं और अधिक पार्टियां दौड़ में शामिल हो गई हैं। छह राजनीतिक दल और स्वतंत्र समूह संसद की 93 सीटों के लिए 368 उम्मीदवार मैदान में उतार रहे हैं। जनसंख्या वृद्धि के समायोजन के बाद यह पिछली संसद की तुलना में छह सीटें अधिक है।

'इंडिया आउट' का दिया नारा

चुनाव में लगभग 2 लाख 84 हजार लोग मतदान करेंगे और देर रात नतीजे आ सकते हैं। राष्ट्रपति पद के लिए मुइज्जू के चुनाव अभियान का विषय "इंडिया आउट" था, जिसमें उन्होंने पिछले राष्ट्रपति पर भारत को बहुत अधिक प्रभाव देकर राष्ट्रीय संप्रभुता से समझौता करने का आरोप लगाया।

मालदीव में कम से कम 75 भारतीय सैन्यकर्मी तैनात थे, जिन्हें मुइज्जू ने हटा दिया। सैनिकों का काम भारत द्वारा दान किए गए दो विमानों का संचालन करना और समुद्र में फंसे या आपदाओं का सामना करने वाले लोगों के बचाव में सहायता करना था। 

दोनों देशों में रिश्ते तब तनावपूर्ण हुए जब मालदीव के तीन मंत्रियों ने लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने के विचार को उठाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपमानजनक बयान दिया था, हालांकि तीनों को बाद में हटा दिया गया था।

इसके बाद भारतीयों ने मालदीव पर्यटन का बहिष्कार अभियान शुरू किया, जिससे पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है, जिससे मालदीव को बड़ा झटका लगा था।