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मालदीव ने चीनी जासूसी पोत को ठहरने की दी अनुमति, आठ फरवरी को पहुंचने की संभावना

चीन के जासूसी पोत के आठ फरवरी को माले पहुंचने की संभावना है। इससे पहले चीन ने श्रीलंका से पोत के रुकने की अनुमति मांगी थी लेकिन श्रीलंका ने गत पांच जनवरी को अनुमति देने से इनकार कर दिया। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि चीन सरकार ने ईंधन भरने और कर्मचारियों की अदला-बदली के लिए बंदरगाह पर ठहरने का आधिकारिक अनुरोध किया था।

By Agency Edited By: Amit Singh Updated: Wed, 24 Jan 2024 04:43 AM (IST)
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मालदीव ने चीनी जासूसी पोत को ठहरने की दी अनुमति

पीटीआई, माले। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद मालदीव-भारत के संबंध लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। बढ़ते तनाव के बीच मालदीव ने मंगलवार को चीन के जासूसी पोत को अपने जलक्षेत्र में ठहरने की अनुमति देने की पुष्टि कर दी है।

चीन के जासूसी पोत के आठ फरवरी को माले के बंदरगाह पहुंचने की संभावना है। इससे पहले चीन ने श्रीलंका से पोत के रुकने की अनुमति मांगी थी लेकिन श्रीलंका ने गत पांच जनवरी को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि चीन सरकार ने ईंधन भरने और कर्मचारियों की अदला-बदली के लिए बंदरगाह पर ठहरने का आधिकारिक अनुरोध किया था। बयान में यह भी कहा गया कि चीनी पोत शियांग यांग होंग-3 मालदीव के जलक्षेत्र में कोई शोध नहीं करेगा।

मंत्रालय ने कहा कि मित्रदेशों के जहाजों के लिए मालदीव सदैव स्वागत योग्य गंतव्य रहा है और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए नागरिक व सैन्य जहाजों की मेजबानी करता रहा है। इससे सहयोगी देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत होते हैं। अमेरिकी थिंक टैंक के अनुसार, शियांग यांग होंग-3 आधिकारिक सैन्य पोत नहीं है लेकिन चीनी पोतों में शक्तिशाली सर्विलांस सिस्टम लगे होते हैं और चीन इनका प्रयोग दूसरे देशों की जासूसी करने के लिए करता है। भारत की मुख्य भूमि से महज 300 नाटिकल मील दूर मालदीव में चीनी पोत के ठहरने से नई दिल्ली की चिंताएं बढ़ी हुई हैं।