Maldives: फिर बिगड़े मुइज्जू के बोल, 'जल्द ही मालदीव में एक भी विदेशी सैनिक नहीं होगा', चीन को लेकर कही ये बात
अपने भारत विरोधी रुख पर कायम मुइज्जू का यह बयान उस घोषणा के बाद आया है जिसमें उन्होंने समुद्री सर्वे की क्षमता विकसित कर द्वीपीय देश को अपने बल पर सुरक्षित करने की बात कही थी। पूर्व की मालदीव सरकार ने समुद्री सर्वे का भारत के साथ समझौता किया था। मुइज्जू ने इस समझौते को रद करने का भी संकेत दे चुके हैं।
पीटीआई, माले। मालदीव की सैन्य शक्ति बढ़ाने का संकल्प जताते हुए वहां के राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज्जू ने कहा है कि जल्द ही हम उस स्थिति में होंगे जिसमें कोई भी विदेशी सैनिक देश में मौजूद नहीं होगा। भारतीय सेना का उल्लेख किए बिना मुइज्जू ने यह बात मालदीव में मौजूद 88 भारतीय सैनिकों की ओर संकेत करते हुए कही है। ये सैनिक मालदीव को उड्डयन क्षेत्र में सहयोग देने के लिए मालदीव में हैं।
सैनिकों की वापसी पर सहमति
चीन की ओर झुकाव वाले मुइज्जू भारतीय सैनिकों को देश से बाहर भेजने का वादा करके चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने हैं। इसके चलते वह पहले दिन से भारतीय सैनिकों को मालदीव से वापस भेजने की कोशिश कर रहे हैं। इस सिलसिले में भारत के साथ उनकी वार्ता चल रही है और सैनिकों की वापसी पर सहमति भी बनी है।
समुद्री सर्वे का भारत के साथ समझौताअपने भारत विरोधी रुख पर कायम मुइज्जू का यह बयान उस घोषणा के बाद आया है जिसमें उन्होंने समुद्री सर्वे की क्षमता विकसित कर द्वीपीय देश को अपने बल पर सुरक्षित करने की बात कही थी। पूर्व की मालदीव सरकार ने समुद्री सर्वे का भारत के साथ समझौता किया था। मुइज्जू ने इस समझौते को रद करने का भी संकेत दे चुके हैं।
मुइज्जू का चीन के प्रति झुकावसोमवार को संसद में राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले भाषण में मुइज्जू ने चीन के प्रति झुकाव को स्पष्ट तौर प्रदर्शित किया था। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों का पहला समूह दस मार्च से पहले देश से रवाना होगा और आखिरी समूह दस मई से पहले जाएगा। ये सैनिक मालदीव में भारत द्वारा उपहार स्वरूप दिए गए दो हेलीकॉप्टरों और एक विमान का संचालन व रखरखाव करते हैं। ये विमान और हेलीकॉप्टर मालदीव सरकार की सहायता के लिए कई तरह के कार्य करते हैं। भारत मालदीव के लोगों को वर्षों से मानवीय सहायता दे रहा है।