Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

MC13 WTO: किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी फॉर्मूले को हर हाल में बदलवाना चाहता है भारत

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मिनिस्टि्रयल कॉन्फ्रेंस 13 (एमसी13) में भारत हर हाल में किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी के फॉर्मूले में संशोधन चाहता है। अभी वर्ष 85-86 के मूल्य के आधार पर सब्सिडी दी जाती है और इस हिसाब से गेहूं-चावल जैसे अनाज के लिए 3.20 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक की कीमत पर किसानों से खरीदारी करने पर विकसित देश उसे सब्सिडी मानते हैं।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 27 Feb 2024 11:21 PM (IST)
Hero Image
किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी फॉर्मूले को हर हाल में बदलवाना चाहता है भारत। (फाइल फोटो)

राजीव कुमार, अबूधाबी। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मिनिस्टि्रयल कॉन्फ्रेंस 13 (एमसी13) में भारत हर हाल में किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी के फॉर्मूले में संशोधन चाहता है। अभी वर्ष 85-86 के मूल्य के आधार पर सब्सिडी दी जाती है और इस हिसाब से गेहूं-चावल जैसे अनाज के लिए 3.20 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक की कीमत पर किसानों से खरीदारी करने पर विकसित देश उसे सब्सिडी मानते हैं।

मतलब अगर किसानों से 30 रुपये प्रति किलोग्राम अनाज सरकार खरीदती है तो विकसित देश मानते हैं कि किसानों को प्रति किलोग्राम 26.80 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है और इस आधार पर भारत व अन्य विकासशील देशों के किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी अधिक दिखती है जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है।

विकसित देश विकासशील देशों से ज्यादा सब्सिडी दे रहे

विकसित देश पहले से ही विकासशील देशों के मुकाबले अपने किसानों को काफी अधिक सब्सिडी दे रहे हैं। भारत सब्सिडी के इस आधार मूल्य को वर्तमान मूल्य पर तय कराना चाहता है। डब्ल्यूटीओ के मुताबिक वर्ष 85-86 के मूल्य के आधार पर उत्पादन लागत का 10 प्रतिशत से अधिक सब्सिडी नहीं दी जा सकती है।

किसी देश की सब्सिडी को चुनौती नहीं दी जा सकती

हालांकि वर्ष 2013 की एमसी बैठक के पीस क्लॉज की वजह से किसी भी देश की सब्सिडी को चुनौती नहीं दी जा सकती है। एमसी13 में बुधवार को होने वाली बैठक में भारत व अन्य विकासशील देश पब्लिक स्टॉक होल्डिंग (पीएसएच) के स्थायी समाधान के मुद्दों पर सहमति बनाने की कोशिश करेगा।

मछुआरों के हित से भी कोई समझौता नहीं करेगा भारत

मंगलवार को एमसी13 की बैठक में भारत ने साफ कर दिया कि हम अपने मछुआरों के हित से कोई समझौता नहीं करेंगे। भारत ने कहा है कि हमारे मछुआरों की तुलना मछली का कारोबार करने वाली विकसित देशों के कॉरपोरेट कंपनियों से नहीं करनी चाहिए। भारत के मछुआरे अपनी जिंदगी जीने के लिए मछली पकड़ने का काम करते हैं, इसलिए मछली पालन पर सब्सिडी को लेकर अगर कोई भी नियम बनता है तो एक समग्र नीति बनाई जानी चाहिए।

हमारे मछुआरे पहले से ही पर्यावरण का ख्याल रखते हैं- भारत

बैठक में भारत ने साफ किया हमारे मछुआरे मछली पकड़ने के दौरान पहले से ही पर्यावरण का ख्याल रखते हैं और इस नाम पर उनकी रोजी-रोटी पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है।

72 देशों में भारत के प्रोफेशनल्स को सेवा देने में होगी अब आसानी

मंगलवार को एमसी13 की बैठक में 72 देशों के समूह ने घरेलू सेवा नियामक (एसडीआर) पर डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश सहमत हो गए। ये 72 देश डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों को अपने देश में प्रोफेशनल्स सेवा देने में सहूलियत प्रदान करेंगे और सभी देशों को एक समान सुविधाएं मिलेंगी।

भारत इन 72 देशो के समूह में शामिल नहीं है, लेकिन भारत के प्रोफेशनल्स को भी अब इन देशों में अपनी सेवा देने में आसानी होगी। हालांकि भारत इन देशों के प्रोफेशनल्स को अपने यहां किसी सुविधा देने के लिए बाध्य नहीं होगा।

ये भी पढ़ें: रक्षा संबंध मजबूत बनाएंगे भारत और थाईलैंड, म्यांमार की स्थिति से लेकर इन मुद्दों पर की गई चर्चा