अच्छी खबर: एचआइवी से पूरी तरह से बचाएगी दवा, क्लीनिकल ट्रायल रहा सफल; पक्के इलाज की जगी उम्मीद
एचआइवी से बचाने वाली दवा लेनाकापाविर का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा है। यह ट्रायल युगांडा और दक्षिण अफ्रीका में महिलाओं पर किया गया। क्लीनिकल ट्रायल के दौरान नई एंटीवायरल दवा के साल में दो बार इंजेक्शन से महिलाओं को एचआइवी से पूरी सुरक्षा मिली। साउथ अफ्रीका के प्रमुख यवेटे राफेल ने कहा यह अब तक की सबसे अच्छी खबर है।
न्यूयार्क टाइम्स, न्यूयार्क। एचआइवी से बचाने वाली दवा लेनाकापाविर का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा है। यह ट्रायल युगांडा और दक्षिण अफ्रीका में महिलाओं पर किया गया। क्लीनिकल ट्रायल के दौरान नई एंटीवायरल दवा के साल में दो बार इंजेक्शन से महिलाओं को एचआइवी से पूरी सुरक्षा मिली।
एडवोकेसी फार प्रिवेंशन आफ एचएचआइवी एंड एड्स इन साउथ अफ्रीका के प्रमुख यवेटे राफेल ने कहा, यह अब तक की सबसे अच्छी खबर है। यह दवा उच्च आय वाले देशों में उपयोग की जाने वाली दो अन्य दवाओं की तुलना में एचआइवी संक्रमण से बचाव में अधिक कारगर है।
रोजाना डेस्कोवी नामक दवा दी गई
परीक्षण में भाग लेने वाली जिन 2,134 महिलाओं को लेनाकापाविर इंजेक्शन दिया गया उनमें से किसी भी महिला को एचआइवी संक्रमण नहीं हुआ। 1,068 को रोजाना एचआइवी की दूसरी दवा ट्रुवाडा दी गई, इनमें से 16 महिलाएं एचआइवी से संक्रमित हुईं। 2,136 अन्य महिलाओं को रोजाना डेस्कोवी नामक दवा दी गई। इनमें से 39 महिलाएं एचआइवी से संक्रमित पाई गईं।लेनाकापाविर दवा उपलब्धत कराने के लिए प्रतिबद्ध
लेनाकापाविर को विकसित करने वाली कंपनी गिलियड द्वारा निष्कर्षों की घोषणा की गई। हालांकि डाटा का पीयर रिव्यू अभी नहीं किया गया है। गिलियड ने कहा कि वह कम आय वाले देशों में जल्द से जल्द सुलभ मूल्य पर बड़ी मात्रा में लेनाकापाविर दवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।