आइएस खतरे को लेकर इराक में कई देशों की बैठक, आतंकी संगठनों की गतिविधियों को लेकर हुई चर्चा
बैठक में शामिल होने वालों में सऊदी अरब और ईरान के विदेश मंत्री भी शामिल थे। बैठक में शामिल देशों ने इराक की मदद का भी आश्वासन दिया जहां इस्लामिक स्टेट ने भारी नुकसान किया है। बैठक में पश्चिम एशिया के नौ देशों ने भाग लिया।
By Neel RajputEdited By: Updated: Sun, 29 Aug 2021 06:39 PM (IST)
बगदाद, एएनआइ। काबुल एयरपोर्ट पर धमाके के बाद सुर्खियों में आए इस्लामिक स्टेट से खतरों को लेकर इराक की राजधानी बगदाद में कई देशों की बैठक हुई। बैठक में मुख्य रूप से तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद आतंकी संगठनों की गतिविधियों को लेकर चर्चा की गई।
एनएचके वर्ल्ड के अनुसार बगदाद कांफ्रेंस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि इस्लामिक स्टेट हमेशा से ही खतरा रहा है। ऐसी स्थिति में हमें अपनी सुरक्षा को उच्च स्तर पर बनाए रखना होगा। इस बैठक में शामिल होने वालों में सऊदी अरब और ईरान के विदेश मंत्री भी शामिल थे। बैठक में शामिल देशों ने इराक की मदद का भी आश्वासन दिया, जहां इस्लामिक स्टेट ने भारी नुकसान किया है। बैठक में पश्चिम एशिया के नौ देशों ने भाग लिया।उल्लेखनीय है कि इस्लामिक स्टेट-खुरासन 2015 में सामने आया था। इसके बारे में जानकारी मिली है कि यह संगठन हक्कानी नेटवर्क के साथ नशे के कारोबार में लिप्त है। इसका संचालन पाकिस्तान की सीमा से लगे नांगरहार से होता है।
तालिबान के विभिन्न धड़ों में आंतरिक कलहसमाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, पहले से युद्धग्रस्त और रक्तरंजित अफगानिस्तान में तालिबान के अंदर भी सत्ता और शक्ति के लिए आंतरिक कलह शुरू हो गई है। इससे वहां के हालात और भी गंभीर होने की आशंका है। न्यूयार्क पोस्ट के होली मैके के एक आलेख के अनुसार मौजूदा और पूर्व खुफिया और सैन्य अधिकारियों के हवाले से खबर आ रही है कि तालिबान के कई धड़ों के बीच कलह हो गई है। इनके अलग-अलग मुखिया हैं जो आनेवाले दिनों में अमेरिका से आधिकारिक तौर पर कमान सौंपने से पहले, देश में अपनी-अपनी बढ़त चाहते हैं। मैके ने कहा कि जमीनी हालात बेहद बदतर हो गए हैं। तालिबान अब और बंट गया है। अलग-अलग धड़े अब अलग-अलग बैठकें करने लगे हैं। यह साफ दिखने लगा है कि कमांड में एकता की कमी हो रही है। वह हिंसा से और भी ज्यादा डरने लगे हैं।