Morocco Earthquake: भूकंप से मरने वालों की संख्या दो हजार के पार, भारत समेत कई देशों ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ
मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर दो हजार के पार हो गई है। इसके साथ ही इमारतों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। भारत मिस्र और लेबनान समेत कई देशों ने मोरक्को के प्रति संवेदना व्यक्त की है। भूकंप शुक्रवार की रात 11 बजकर 11 मिनट पर आया। इससे जान-माल को काफी नुकसान पहुंचा है।
रबात, रायटर। Morocco Earthquake: अफ्रीकी देश मोरक्को में शुक्रवार (आठ सितंबर) रात आए विनाशकारी भूकंप में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। भूकंप से दो हजार से अधिक लोगों के मरने की पुष्टि हुई है, लेकिन जिस तरह की बर्बादी हुई है, उसको देखते हुए मौत का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है। हजारों लोग घायल हैं। भूकंप से मराकश शहर में स्थित यूनेस्को संरक्षित विश्व धरोहर स्मारक को भी नुकसान हुआ है। यह क्षेत्र में 1960 के बाद आया सबसे विनाशकारी भूकंप है।
भूकंप से मरने वालों की संख्या पहुंची 2012
मोरक्को के गृह मंत्रालय के मुताबिक, भूकंप में मरने वालों की संख्या 2012 और घायलों की संख्या 2059 है। मरने वालों में एक फ्रांसीसी नागरिक भी शामिल है।
तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा
मोरक्को की सरकार ने भूकंप से हुई तबाही को देखते हुए तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। रिक्टर स्केल पर 6.8 की तीव्रता वाले इस भूकंप ने मोरक्को के हाई एटलस पर्वत को शुक्रवार रात हिला दिया।
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भूकंप के समय सो रहे थे लोग
भूकंप के समय लोग घरों में सो रहे थे। इसलिए मृतकों की संख्या ज्यादा होने की आशंका है। सबसे ज्यादा नुकसान भूकंप के केंद्र बिंदु के नजदीक स्थित मराकश शहर में हुआ है। वहां पर ज्यादातर इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। बर्बाद हुई इमारतों में बड़ी संख्या में लोगों के फंसे होने की आशंका है।
पर्वतीय इलाकों में स्थित गांवों का बुरा हाल
पर्वतीय इलाकों में स्थित गांवों का बुरा हाल है। वहां हुई बर्बादी का अनुमान अभी नहीं लगाया जा सका है, बचाव और राहत दलों को वहां पहुंचने में मुश्किल हो रही है। जहां सरकारी साधन नहीं पहुंचे हैं, वहां लोग खुद से ही मलबा हटाकर परिवारीजनों को बचाने में जुट गए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्या कहा?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपदा से तीन लाख लोगों के प्रभावित होने की बात कही है। भूकंप के बाद हजारों लोगों ने खुले में रात बिताई। अब उनके पास रहने-खाने का कोई ठिकाना नहीं है। देश के गृह मंत्रालय ने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है।
इन प्रांतों में हुआ नुकसान
सरकार ने बयान जारी कर बताया है कि भूकंप से अल हौज, ओरजाजाते, मराकश, अजीलाल, चिचौआ और तारोदंत प्रांतों में नुकसान हुआ है। इससे पहले, 1960 में आए भूकंप से देश में करीब 12 हजार लोग मारे गए थे। भूकंप के झटके मोरक्को के पड़ोसी देशों और स्पेन तक महसूस किए गए। मोरक्को के लिए विश्व भर से मदद पहुंचना शुरू हो गई है।
पीएम मोदी ने दिया मदद का भरोसा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 समिट के मंच से मोरक्को में आए भूकंप में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना का इजहार किया और अफ्रीकी देश को पूरी मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि भारत इस मुश्किल समय में मोरक्को की हर संभव मदद के लिए तैयार है। वहां की सरकार से संपर्क कर जल्द ही वहां सहायता सामग्री भेजी जाएगी।
मोरक्को में कब आया भूकंप?
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, मोरक्को में शुक्रवार की रात 11 बजकर 11 मिनट पर भीषण भूकंप आया। इसकी गहराई 18.5 किमी थी। भूकंप का केंद्र मराकेश (Marrakesh) से लगभग 70 किमी दक्षिण पश्चिम में अल हौज प्रांत के इघिल शहर के पास था।
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अरब लीग समेत कई देशों ने व्यक्त की संवेदना
भारत के साथ ही अरब लीग, मिस्र, फिलीस्तीन, सऊदी अरब, कतर, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और लेबनान समेत कई अरब देशों और संगठनों ने भूकंप को लेकर मोरक्को के प्रति संवेदना व्यक्त की। अरब लीग के महासचिव ने उम्मीद जताई की मोरक्को जल्द ही संकट से उबर जाएगा।