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North Korea छोड़ने वाली मॉ-बेटी ने सुनाई दर्द भरी दास्तां, बोली न जीने की आजादी न मरने का सुकूं

उत्तर कोरिया बाहरी दुनिया के लिए एक रहस्य बना हुआ है एक महिला ने मौत की धमकियों के बाद भी किम जोंग-उन के बारे में सूचना देने के लिए चुप रहने से इनकार कर दिया।

By Vinay TiwariEdited By: Updated: Tue, 02 Jun 2020 09:19 AM (IST)
North Korea छोड़ने वाली मॉ-बेटी ने सुनाई दर्द भरी दास्तां, बोली न जीने की आजादी न मरने का सुकूं
प्योंगयांग। नॉर्थ कोरिया और वहां के तानाशाह किम जोंग उन के बारे में जानने के लिए दुनिया उतावली रहती है मगर ये एक ऐसा देश है जहां से सूचनाएं बहुत ही छनकर बाहर आ पाती है। तानाशाह के राज में उसके देश की सूचनाएं देश से बाहर पहुंचाना एक गुनाह माना जाता है।

वो अपने राज्य की सूचनाएं दूसरी जगह पर नहीं पहुंचने देना चाहता है उसके बाद भी यदि कोई ऐसा करने की कोशिश करता है और पकड़ा जाता है तो उसके लिए सजाए-मौत तय है। फिर वो कोई भी हो। तानाशाह के राज में किसी को माफी नहीं मिलती है चाहे वो आम आदमी हो या फिर सेना का कोई अधिकारी।

नॉर्थ कोरिया के बारे में किसी भी तरह की जानकारी का खुलासा करना बेहद खतरनाक हो सकता है, इस देश के व्हिसलब्लोअर (सूचना देने वाले) जानते हैं कि यदि वो ऐसा कोई भी काम करते हैं तो वे अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। तानाशाह के राज में सीमा के पार जाना या किसी तरह की सूचना का आदान-प्रदान करना सख्त मना है। इसी वजह से बाहरी दुनिया के लोग ये भी नहीं जान पाते कि नॉर्थ कोरिया में रहने वाले लोग किस तरह से जीवन यापन करते हैं, उनके जीवन का स्तर कैसा है।

नॉर्थ कोरिया से भागकर साउथ कोरिया पहुंची युवती ने खोला राज 

कुछ साल पहले एक टीनएजर लड़की अपनी मॉ के साथ नॉर्थ कोरिया से भागकर साउथ कोरिया पहुंच गई थी, इन दिनों वो नॉर्थ कोरिया और वहां पर किम जोंग उन की तानाशाही के बारे में खुलकर बात करती है। इस लड़की ने एक व्यंग्यात्मक टीवी शो में भी हिस्सा लिया था।

इस युवती को नॉर्थ कोरिया के एक जासूस ने कहा कि यदि तुम चुप नहीं रहोगी तो तानाशाह तुमसे बदला जरूर लेगा। तब युवती बोली कि वो चुप नहीं रहेगी वो लोगों को नॉर्थ कोरिया और तानाशाह की ज्यादतियों के बारे में सभी को बताएगी। तानाशाह की वास्तविकताओं के बारे में जानने का सभी को हक है। युवती ने चुप रहने से इनकार कर दिया। 

मॉ बेटी की बच पाई जान 

इस युवती का नाम यॉन मील पार्क है। वो 16 साल की थी जब उसने अपनी मॉ के साथ नॉर्थ कोरिया से भागने का प्लान बनाया था। यॉन बताती है कि जब वो 16 साल की थी तो अपनी माता और पिता के साथ नॉर्थ कोरिया छोड़ने का मन बनाया था। वो दो साल तक अपने परिजनों के साथ भागती रही तब साउथ कोरिया पहुंच पाई। दरअसल यॉन के पिता ने शासन से प्रताड़ित होने के बाद अपनी पत्नी और बेटी से कहा कि वो लोग यहां से भाग जाएंगे क्योंकि वो तानाशाह के शासन और प्रताड़ना से दुखी हो चुके हैं। अपने पिता के ऐसा कहने पर ही इन लोगों ने नॉर्थ कोरिया से भागने की योजना बनाई। 

चीन में छिपे तो पिता को कैंसर का पता चला 

उन्होंने चीन में छिपने से पहले और मंगोलिया पहुंचने के लिए गोबी रेगिस्तान की ट्रैकिंग करने से पहले अधिकारियों को राज्य की सीमा पर रिश्वत दी। उनके पास कोई मार्गदर्शक नहीं था जो उनको मंगोलिया में दक्षिण कोरियाई दूतावास की यात्रा करने में मदद करता। दक्षिण कोरिया में पहुंचने के बाद ये लोग नया जीवन शुरू करना चाहते थे। अपनी इस यात्रा के दौरान ये दोनों कई महीने तक चीन में ही छिपे रहे। इसी समय यॉन मील पार्क के पिता को टर्मिनल कैंसर का पता चला था, डॉक्टरों ने बताया कि कैंसर का मरीज अधिकतम तीन माह तक जिंदा रह पाएगा। 

ऑस्ट्रेलियाई टीवी शो में बताई ज्यादती 

2014 में, उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीवी शो 'डेटलाइन' को बताया कि उनको ये जानकार रात में नींद नहीं आती थी कि यदि वो अधिकारियों द्वारा पकड़ ली गई तो उनके साथ क्या-क्या सलूक हो सकता है। उनको अपने शरीर को भी बचाने की चिंता रहती थी। उन्होंने बताया कि मैं इसलिए दुखी थी कि मेरे पिता मर रहे थे, चिंता सिर्फ इस बात को लेकर थी कि यदि पिता की मौत हो गई तो वो उनके शरीर के साथ क्या कर पाएंगी और खुद को कैसे बचाएंगी। जब मैं अपने शरीर को ही कहीं छिपा नहीं पा रही थी तो फिर एक मरे हुए व्यक्ति के शरीर का कहां छिपा सकती थी। इसके बारे में सोच ही नहीं पा रही थी। 

पिता की मौत हो गई तो बेटी ने शव को खुद जलाया 

इसी बीच उनके पिता की मौत हो गई। तब उन्होंने उन्होंने अपने पिता के शव को सुनसान स्थान पर ले जाने में मदद करने के लिए दो लोगों को भुगतान कियाष शव को सूनसान जगह पर पहुंचाने के लिए रात का समय चुना गया जब सभी सो जाते हैं। उसके बाद उनके शरीर को दफनाना पड़ा। उसने कहा कि मुझे अपने पिता को इस तरह से दफनाने का दुख हुआ, दोष महसूस हुआ, लेकिन यह सही है और एक वास्तविकता भी कि नॉर्थ कोरिया में आप सुकून से मर भी नहीं सकते, वहां आपका अंतिम संस्कार भी नहीं होने दिया जाता है। 

हमने सुबह तड़के 3 बजे उनके शरीर को उठवाया, उस समय हर कोई सो रहा था। फिर खुद ही उनके शरीर को आग लगा दी। मैं वहां बैठी थी, बहुत अधिक ठंड थी। उस समय कोई भी ऐसा नहीं था जिसे फोन किया जा सकता था। उस समय मेरे पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भी कोई नहीं था।

24 घंटे चलती रहीं तब पहुंची अंतिम पड़ाव पर 

इसके बाद मैं और मेरी मॉ गोबी रेगिस्तान में अंतिम पड़ाव पाने तक के लिए बिना रूके 24 घंटे तक चलते रहे। हमें मालूम था कि यदि हम रूक गए और सेना के जवानों ने पकड़ लिया तो हमारी मौत निश्चित है। इसके बाद सुश्री पार्क ने नॉर्थ कोरियाई शासन के खिलाफ बात की और बताया कि क्यों वह किम जोंग-उन के राज्य की आलोचना करके अपने जीवन को जोखिम में डालना जारी रखती है।

उन्होंने बताया कि जासूस ने मुझसे कहा कि गंभीरता से, आप खतरे में हैं और आपको अपनी सारी जानकारी बदलनी होगी। लेकिन मैंने कहा नहीं क्योंकि मेरा नाम, पार्क येओन-मील, मेरे पिता से मेरी विरासत है, केवल वही है जो उन्होंने मुझे छोड़ा था। मुझे अपने नाम पर बहुत गर्व है ताकि मैं मर जाऊं तो ठीक है। मेरा मतलब है कि मुझे पहले से ही इस स्वतंत्रता का अनुभव है इसलिए मैं संतुष्ट हूं। कम से कम मैं कह सकती हूं कि मैंने नॉर्थ कोरिया में अपने लोगों के लिए कुछ किया है। उनको अपनी आवाज उठाने के लिए कहीं से तो प्रेरणा मिलेगी।  

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