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Sheikh Hasina: मेरी मां ने कोई बयान नहीं दिया, अब शेख हसीना के बेटे ने अखबार की रिपोर्ट को बताया झूठा

Sheikh Hasina शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने कहा कि उनकी मां ने इस्तीफा नहीं दिया है। वह अब भी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं। हालांकि उन्होंने इस्तीफा सौंपने की योजना जरूर बनाई थी। मगर उनको मौका नहीं मिला। वाजेद ने कहा कि एक अखबार में प्रकाशित मेरी मां के इस्तीफे का बयान पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 12 Aug 2024 12:46 AM (IST)
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Sheikh Hasina: शेख हसीना और उनका बेटा साजिब वाजेद जॉय। (फाइल फोटो)
एएनआई/जागरण, नई दिल्ली। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ने से पहले या बाद में कोई बयान नहीं दिया है। उनके बेटे साजिब वाजेद जॉय ने यह दावा किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक अखबार में प्रकाशित मेरी मां के इस्तीफे का बयान पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है। मैंने अभी उनसे पुष्टि की है कि उन्होंने ढाका छोड़ने से पहले या बाद में कोई बयान नहीं दिया है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के पीछे अमेरिका का हाथ था। अमेरिका की वजह से ही शेख हसीना को अपनी सरकार गंवानी पड़ी।

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हिंदुओं पर हमले का विश्वभर में विरोध

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के विरोध में विश्व भर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। रविवार को अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यालय-आवास व्हाइट हाउस के बाहर बड़ी संख्या में लोगों ने एकत्रित होकर हिंदुओं पर हमले पर विरोध जताया और मामले में अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग की।

वाशिंगटन में भी प्रदर्शन

प्रदर्शनकारी हिंदुओं की संपत्तियों और मंदिरों पर हमले के दोषियों को गिरफ्तार किए जाने की भी मांग कर रहे थे। इनमें से बहुत से लोगों ने वी वांट जस्टिस के नारे वाले पोस्टर हाथों में ले रखे थे। इसी प्रकार के विरोध प्रदर्शन वाशिंगटन के अन्य इलाकों, मेरीलैंड, वर्जीनिया और न्यूयार्क में भी होने की सूचना है।

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

शनिवार को न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय के बाहर हिंदुओं पर हमले के विरोध में प्रदर्शन हुआ था। रविवार को लंदन में ब्रिटिश संसद के बाहर हिंदुओं पर हमले के विरोध में प्रदर्शन हुआ है। यहां पर बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों पर हमलों की कड़ी निंदा की गई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।

ब्रिटेन में भी उठी आवाज

हमलों के विरोध में ब्रिटेन में शनिवार को भी विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस बीच अमेरिकी संस्था द विल्सन सेंटर ने कहा है कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के लंबे समय तक रहने पर वहां सेना का राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ जाएगा जो लोकतंत्र के लिए घातक होगा। संस्था ने बांग्लादेश में जल्द चुनाव की आवश्यकता जताई है।

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