बांग्लादेश से रोहिंग्याओं की होगी घर वापसी, पायलट परियोजना पर चल रहा काम; 711 शरणार्थियों का हुआ चयन
बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में बांग्लादेश के शरणार्थी राहत और प्रत्यावर्तन आयुक्त मोहम्मद मिजानुर रहमान ने बताया कि पायलट परियोजना में 1140 ऐसे रोहिंग्याओं की सूची बनाई गई जिन्हें वापस भेजा जाना है। इनमें से 711 को मंजूरी मिल गई है।
ढाका, रायटर्स। रोहिंग्या मुसलमानों की घर वापसी के लिए म्यांमार की टीम बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों का दौरा कर रही है। यह टीम घर वापसी की पायलट परियोजना के तहत वापस लौटने वाले संभावित रोहिंग्याओं का सत्यापन करेगी। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि घर वापसी कब होगी।
अबतक 711 नामों को मिली मंजूरी
बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में बांग्लादेश के शरणार्थी राहत और प्रत्यावर्तन आयुक्त मोहम्मद मिजानुर रहमान ने बताया कि पायलट परियोजना में 1,140 ऐसे रोहिंग्याओं की सूची बनाई गई जिन्हें वापस भेजा जाना है। इनमें से 711 को मंजूरी मिल गई है। शेष 429 पर अभी कार्रवाई की जा रही है।
रहमान ने यह भी कहा कि इन लोगों की वापसी कब होगी, इसको लेकर अभी अनिश्चितता है। म्यांमार की सैन्य जुंटा ने रोहिंग्या की वापसी को लेकर अपनी तत्परता नहीं दिखा रहा है। बता दें कि बांग्लादेश में कॉक्स बाजार जिले में 10 लाख रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। रोंहिग्या मुसलमानों की वापसी में चीन मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है।
रोहिंग्याओं की घर वापसी के लिए बांग्लादेश और चीन काफी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन म्यांमार रोहिंग्याओं की वापसी के लिए ज्यादा इच्छुक नहीं है, वहीं रोहिंग्या भी वापस म्यांमार नहीं जाना चाहते हैं।
बर्मीज रोहिंग्या संगठन यूके के अध्यक्ष तुन खिन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय रोहिंग्या से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। शरणार्थी शिविरों की भयानक परिस्थितियों और अपने देश के मुश्किल हालात के बीच रोहिंग्याओं के लिए आगे कुआं पीछे खाई वाली स्थिति बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा और रोजगार अवसरों के अभाव के बीच बांग्लादेश के शिविरों में अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके अलावा यहां रहन-सहन का स्तर भी बेहद दयनीय है। पिछले महीने में आग की वजह से 12,000 लोग बेघर हो गए, जबकि दो साल पहले 15 लोग मारे गए थे और 10,000 घर राख हो गए थे।