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पुतिन की परमाणु हमले की धमकी के बाद ब्रसेल्स में नाटो देशों के रक्षा मंत्र‍ियों ने की मुलाकात

सितंबर के महीने में पश्चिमी हथियारों से लैस यूक्रेनी सेना के प्रहार से रूसी सेना के पीछे हटने को मजबूर हुई है। वहीं पुतिन ने चार यूक्रेनी क्षेत्रों पर कब्जा कर रूस में मिला लिया है। पुतिन ने 3 लाख सैनिकों की आंशिक मोर्चाबंदी की घोषणा की थी।

By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Thu, 13 Oct 2022 03:30 PM (IST)
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ब्रसेल्स में अमेर‍िकी रक्षा मंत्री आस्टिन लायड और नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग। फोटो- एपी

 ब्रसेल्स, एपी। रूसी राष्‍ट्रपति ब्‍लादिमीर पुतिन की परमाण हमले की धमकी के बाद अमेरिका समेत 30 देशों नाटो सैन्‍य संगठन के बीच गहरी चिंता देखी जा रही है। इसके मद्देनजर नाटो के गुप्त परमाणु योजना समूह ने गुरुवार को मुलाकात की। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि वह रूसी क्षेत्र की रक्षा के लिए आवश्यक किसी भी साधन का उपयोग करेंगे। इसके मद्देजर अगले सप्ताह परमाणु अभ्यास करने की योजना के साथ आगे बढ़ता है। रूस ने अगले कुछ दिनों में परमाणु हथियार से लैस सुपर सोनिक मिसाइल सरमत के परीक्षण की बात कही है। ब्रसेल्स में नाटो मुख्यालय में रक्षा मंत्रियों ने सत्र का नेतृत्व किया, जो आमतौर पर साल में एक या दो बार होता है।

रूस की गतिविधियों पर सतर्कता के साथ नजर रखे हुए है नाटो

यह बैठक उच्च तनाव की पृष्ठभूमि में हो रही है क्योंकि अमेरिका के नेतृत्व में कुछ नाटो सहयोगी रूसी हवाई हमलों के खिलाफ खुद को बचाने के लिए यूक्रेन को उन्नत हथियारों और हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं। नाटो रूस की गतिविधियों पर सतर्कता के साथ नजर रखे हुए है, लेकिन अब तक अपनी परमाणु मुद्रा में कोई बदलाव नहीं देखा है। नाटो राजनयिकों के अनुसार, इस मामले में अतिरिक्त अनिश्चितता इस तथ्य से आ रही है कि रूस भी जल्द ही नाटो के ठीक बाद या उसी समय अपने स्वयं के परमाणु अभ्यास आयोजित करने वाला है। यह 30 देशों के सैन्य संगठन के युद्ध और मास्को के इरादों के पढ़ने को जटिल बना सकता है।

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यूके के रक्षा सचिव ने कहा, नाटो देशों की है युद्धाभ्‍यास की तैयारी

इस बारे में यूके के रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा कि मुझे लगता है कि नाटो के वार्षिक अभ्यास के एक सप्ताह बाद या उसके ठीक बाद रूस भी वार्षिक अभ्यास का आयोजन करेगा। लेकिन नियमित रूप से चीजों को करने के बारे में हम नहीं चाहते हैं। वैलेस ने कहा कि यह एक नियमित अभ्यास है। यह सब तैयारी के बारे में है। जैसे कि नाटो की बैठक यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि हम किसी भी चीज के लिए तैयार हैं। मेरा मतलब है कि यह नाटो गठबंधन का काम है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि 30 साझेदार एक साथ तैयार हैं जो हम पर जबरन थोपा गया है। और हमें उस पर काम करना जारी रखना होगा।

रूस यूक्रेन जंग के पहले होना था युद्धाभ्‍यास

नाटो के अभ्यास को 'स्टीडफास्ट नून' कहा जाता है। यह हर साल लगभग एक ही समय पर आयोजित किया जाता है और लगभग एक सप्ताह तक चलता है। इसमें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लड़ाकू जेट शामिल होंगे, लेकिन इसमें कोई जीवित बम शामिल नहीं होगा। इसमें पारंपरिक जेट, निगरानी और ईंधन भरने वाले विमान भी नियमित रूप से भाग लेते हैं। 14 नाटो सदस्य देश उस अभ्यास में शामिल होंगे, जिसकी योजना 24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले बनाई गई थी। युद्धाभ्यास का मुख्य भाग रूस से एक हजार किलोमीटर से अधिक दूर आयोजित किया जाएगा।

नाटो देशों की योजना

एक संगठन के रूप में नाटो के पास कोई हथियार नहीं है। गठबंधन से नाममात्र रूप से जुड़े परमाणु हथियार तीन सदस्य देशों अमेरिका, ब्रिट्रेन और फ्रांस के दृढ़ नियंत्रण में रहते हैं, लेकिन फ्रांस अपनी परमाणु स्वतंत्रता बनाए रखने पर जोर देता है और परमाणु योजना समूह की बैठकों में भाग नहीं लेता है।

नाटो महासचिव ने दी चेतावनी

इस हफ्ते की शुरुआत में नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने चेतावनी दी थी कि अगर दुनिया का सबसे बड़ा सुरक्षा संगठन युद्धाभ्यास रद करता है तो यह बिल्कुल गलत संकेत भेजना होगा। स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि अगर हम अब सभी सहयोगियों की रक्षा और बचाव की अपनी इच्छा के बारे में मास्को को किसी भी गलतफहमी, गलत अनुमान के लिए आधार बनाते हैं, तो हम बढोतरी के जोखिम को बढ़ा देंगे।

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पुतिन की युद्ध योजनाएं गड़बड़ा गईं

सितंबर के महीने में पश्चिमी हथियारों से लैस यूक्रेनी सेना के प्रहार से रूसी सेना के पीछे हटने को मजबूर हुई है। वहीं पुतिन ने चार यूक्रेनी क्षेत्रों पर कब्जा कर रूस में मिला लिया है। रूसी सेना की अग्रिम पंक्ति के पराजय के बाद पुतिन ने 3 लाख सैनिकों की आंशिक मोर्चाबंदी की घोषणा की थी। कई क्षेत्रों पर यूक्रेन के फिर से कब्‍जा जमाने से पुतिन की युद्ध योजनाएं गड़बड़ा गई हैं। रूसी राष्‍ट्रपति ने बार-बार संकेत दिया है कि वह रूस क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों का सहारा ले सकते हैं।

इसी कड़ी में पिछले कई दिनों से यूक्रेन के शहरों में रूसी सेना ने ताबड़तोड़ हमला किया। इस खतरे का एक उद्देश्य यह भी है कि नाटो देशों को यूक्रेन को अधिक परिष्कृत हथियार भेजने से रोकना भी है। स्टोल्टेनबर्ग ने पुतिन की बढ़ती परमाणु बयानबाजी को 'खतरनाक और लापरवाह' बताया है। उन्‍होंने कहा कि नाटो सहयोगियों ने रूस को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि अगर वे किसी भी तरह से परमाणु हथियारों का उपयोग करते हैं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।