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Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच नाटो ने मास्को से किया अनुरोध, कहा- परमाणु संधि का करें पालन

नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) ने कहा है कि परमाणु हथियारों के संबंध में अमेरिका के साथ हुई न्यू स्टार्ट संधि का पालन करे और अपने ठिकानों के निरीक्षण की अनुमति दे। इस समय अमेरिका और रूस के बीच केवल यही संधि प्रभाव में है। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 03 Feb 2023 11:03 PM (IST)
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नाटो ने रूस से परमाणु संधि के पालन का अनुरोध किया।
ब्रसेल्स, एपी। नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) ने कहा है कि परमाणु हथियारों के संबंध में अमेरिका के साथ हुई न्यू स्टार्ट संधि का पालन करे और अपने ठिकानों के निरीक्षण की अनुमति दे। इस समय अमेरिका और रूस के बीच केवल यही संधि प्रभाव में है। नाटो अमेरिका के नेतृत्व वाला 30 देशों का सैन्य संगठन है।

क्या है 2010 की न्यू स्टार्ट संधि

बता दें कि 2010 में हुई न्यू स्टार्ट संधि के अनुसार, रूस या अमेरिका लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के साथ अधिकतम 1,550 परमाणु हथियार रख सकते हैं। इतना ही नहीं अल्प सूचना पर दोनों देशों के विशेषज्ञ एक-दूसरे के परमाणु ठिकानों का निरीक्षण भी कर सकते हैं। नाटो के दूत ने कहा है कि ये प्रविधान दोनों देशों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं। उल्लेखनीय है कि यूक्रेन युद्ध के दौरान कई बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल और तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ने की आशंका से जुड़ी चर्चा छिड़ी है।

यूक्रेन को जल्द ही लेपर्ड वन टैंक देगा जर्मनी

यूक्रेन को आधुनिक लेपर्ड टू टैंक देने की घोषणा कर चुके जर्मनी ने भंडार गृह में मौजूद लेपर्ड वन टैंक देने की घोषणा की है। लेपर्ड वन टैंक कुछ दशक पुराना लेकिन लंबी मारक क्षमता वाला टैंक है। जर्मनी की इस घोषणा से यूक्रेन को जल्द ही विदेशी टैंक मिलने का रास्ता खुल जाएगा। यूक्रेनी सेना अब ज्यादा टैंकों के साथ रूसी सेना का मुकाबला कर सकेगी। जर्मनी का ताजा फैसला रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन को टैंक देने के फैसले पर नाराजगी जताने के बाद आया है।

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