Move to Jagran APP

Nepal Bans Drug Import: नेपाल ने दिव्य फार्मेसी समेत 16 भारतीय कंपनियों से दवा आयात पर लगाई रोक, ये है लिस्ट

विभाग ने कहा कि उसने जिन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है उनमें से कुछ पहले से रजिस्टर्ड हैं और कुछ नई हैं। कुछ कंपनियों के प्रोडक्ट विनियामक आवश्यकताओं का पालन नहीं करते हैं और कुछ कंपनियां अच्छी विनिर्माण प्रथाओं का पालन नहीं करती हैं।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 20 Dec 2022 05:57 PM (IST)
Hero Image
योग गुरु स्वामी रामदेव के पतंजली उत्पादों का निर्माण करती है दिव्य फार्मेसी
काठमांडू, आईएएनएस। नेपाल के औषधि प्रशासन विभाग ने योग गुरु स्वामी रामदेव के पतंजलि उत्पादों का निर्माण करने वाली दिव्य फार्मेसी समेत 16 भारतीय कंपनियों से दवाओं के आयात पर रोक लगा दी है। आरोप है कि ये दवा कंपनियां विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों के अनुपालन में विफल रही हैं। इनमें आयुर्वेदिक व एलोपैथिक दवाओं का निर्माण करने वाली कंपनियां शामिल हैं।दैनिक समाचार पत्र काठमांडू पोस्ट को विभाग के प्रवक्ता संतोष केसी ने बताया, 'हमारे देश को अपने उत्पाद का निर्यात करने वाली दवा निर्माता कंपनियों की उत्पादन सुविधाओं का निरीक्षण करने के बाद हमने उनके नाम जारी किए हैं, जो डब्ल्यूएचओ के उत्पादन मानकों का पालन नहीं कर रही हैं।' रिपोर्ट में कहा गया है कि अच्छी उत्पादन कार्यप्रणाली (जीएमपी) के तहत निर्धारित मानक के अनुसार उत्पादन एवं नियंत्रण सुनिश्चित किया जाता है। इसे किसी भी दवा उत्पादन में शामिल जोखिमों को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है जिसे अंतिम प्रोडक्ट के परीक्षण के माध्यम से समाप्त नहीं किया जा सकता है।

बता दें अप्रैल और जुलाई में, विभाग ने दवा कंपनियों की विनिर्माण सुविधाओं की जांच के लिए ड्रग इंस्पेक्टरों की एक टीम को भारत भेजा था, जिन्होंने नेपाल को अपने प्रोडक्ट्स की आपूर्ति करने के लिए आवेदन किया था। दिव्या फार्मेसी के अलावा, सूची में रेडियंट पैरेन्टेरल्स लिमिटेड, मरकरी लेबोरेटरीज लिमिटेड, एलायंस बायोटेक, कैपटैब बायोटेक, एग्लोमेड लिमिटेड, जी लेबोरेटरीज लिमिटेड, डैफोडील्स फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, जीएलएस फार्मा लिमिटेड, यूनीजुल्स लाइफ साइंस लिमिटेड, कॉन्सेप्ट फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट, श्री आनंद लाइफ साइंसेज लिमिटेड, आईपीसीए लेबोरेटरीज लिमिटेड, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड, डायल फार्मास्युटिकल्स, एग्लोमेड लिमिटेड और मैकुर लेबोरेटरीज लिमिटेड का भी नाम है।

कंपनियों के प्रोडक्ट विनियामक आवश्यकताओं का पालन नहीं करते

विभाग ने कहा कि उसने जिन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें से कुछ पहले से रजिस्टर्ड हैं और कुछ नई हैं। कुछ कंपनियों के प्रोडक्ट विनियामक आवश्यकताओं का पालन नहीं करते हैं और कुछ कंपनियां अच्छी विनिर्माण प्रथाओं का पालन नहीं करती हैं। इनमें कुछ कंपनियों के उत्पादों का इस्तेमाल क्रिटिकल केयर, डेंटल काटिर्र्ज और टीकों में भी किया जाता है। डिपार्टमेंट ने 46 दवा निर्माण कंपनियों की एक सूची भी प्रकाशित की है, जो डब्ल्यूएचओ की अच्छी निर्माण प्रथाओं का पालन करती पाई गई हैं। राष्ट्रीय और विदेशी दोनों प्रकार की दवा कंपनियों की अच्छी निर्माण पद्धतियों का निरीक्षण करना विभाग का एक नियमित कर्तव्य है।

ये भी पढ़ें- डीएनए बदल चीन की बेरहम सुपरसोल्जर बनाने की तैयारी, विशेषज्ञों ने कहा फिलहाल यह दूर की कौड़ी

Fact Check: गुजरात के बनासकांठा में पुल को तोड़ते हुए गिरा एक हिस्सा, भ्रामक दावा वायरल