नेपाल सरकार ने भारत द्वारा विकसित की जाने वाली दूसरी हाइड्रोपावर को दी मंजूरी, अरुण नदी पर बनाया गया है SJVN
नेपाल ने रविवार को भारत के सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) लिमिटेड को देश में दूसरी जलविद्युत परियोजना विकसित करने की अनुमति देने का फैसला किया। आइबीएन की पिछली बैठक में परियोजना के विकास के लिए 92.68 अरब रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई थी। फाइल फोटो।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 29 May 2023 05:54 AM (IST)
काठमांडु, पीटीआई। नेपाल ने रविवार को भारत के सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) लिमिटेड को देश में दूसरी जलविद्युत परियोजना विकसित करने की अनुमति देने का फैसला किया। वर्तमान में एसजेवीएन पूर्वी नेपाल में अरुण नदी पर स्थित एक रन आफ रिवर 900-मेगावाट अरुण III जलविद्युत परियोजना विकसित कर रहा है, जो 2024 में पूरी होने वाली है।
प्रधानमंत्री प्रचंड की भारत यात्रा से पहले मसौदे को मिली मंजूरी
प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की अध्यक्षता में निवेश बोर्ड नेपाल (आइबीएन) की एक बैठक में पूर्वी नेपाल में में 669-मेगावाट लोअर अरुण हाइड्रोपावर विकसित करने के लिए भारत के एसजेवीएन के साथ हस्ताक्षर किए जाने वाले परियोजना विकास समझौते (पीडीए) के मसौदे को मंजूरी दे दी। यह जानकारी प्रधानमंत्री प्रचंड की बुधवार से शुरू हो रही भारत यात्रा से कुछ दिन पहले आया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा समर्थन की होती है जरूरत
मसौदे को लागू करने से पहले मंत्रिपरिषद द्वारा समर्थन की आवश्यकता होती है। आइबीएन की पिछली बैठक में परियोजना के विकास के लिए 92.68 अरब रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई थी।देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के मील का पत्थर होगा साबित
आइबीएन के बयान के अनुसार, इस 669-मेगावाट परिवर्तनकारी परियोजना का विकास देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। एसजेवीएन ने नेपाल में एक स्थानीय कंपनी लोअर अरुण पावर डेवलपमेंट कंपनी बनाई है। संखुवासभा और भोजपुर जिलों में स्थित लोअर अरुण परियोजना में कोई जलाशय या बांध नहीं होगा।