‘विमान धूं-धूं कर जल रहा था और यात्री लगातार मदद के लिए चिल्ला रहे थे’
चार दिन पहले नेपाल में हुए विमान हादसे में बचे एक नेपाली ट्रेवल एजेंट ने उस वक्त का जिक्र किया है जब यूएस बांग्ला एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। चार दिन पहले नेपाल में हुए विमान हादसे में बचे एक नेपाली ट्रेवल एजेंट ने उस वक्त का जिक्र किया है जब यूएस बांग्ला एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इस घटना के बारे में बताने से पहले आपको बता दें कि इस हादसे के बारे में बताने वाले शख्स का नाम दयाराम तमराकर है, जो कि एक ट्रेवल एजेंट हैं। हादसे के वक्त दयाराम इसी विमान में मौजूद थे।
यात्री ने किया खुलासा
उनके अलावा इस विमान हादसे में करीब 22 लोगों को बचा लिया गया था जबकि 49 लोगों की मौत हो गई थी। विमान में कुल 67 यात्रियों में 37 पुरुष, 27 महिलाएं और दो बच्चे सवार थे। उनका कहना था कि विमान में सवार यात्रियों को यात्रा के दौरान न तो शराब पीनी चाहिए थी और न ही लैंडिंग या टेकऑफ के समय सोना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त वह इस स्थिति में थे कि अपनी बेल्ट खोलकर इमरजेंसी गेट को खोल सकें। उन्होंने हादसे के तुरंत बाद इमरजेंसी गेट को तोड़ा और वहां से निकलने में दूसरे यात्री की भी मदद की। उन्होंने यह भी बताया कि विमान में सवार कुछ यात्री काफी अलर्ट थे।
इमरजेंसी गेट खोल बचाई कईयों की जान
उन्होंने उस वक्त को याद करते हुए कहा कि हादसे के तुरंत बाद उन्होंने अपनी सीट बेल्ट खोली, उन्हें ऐसे समय में भी इस बात की जानकारी थी कि इमरजेंसी गेट को किस तरह से जल्द से जल्द खोलना है। हादसे के तुरंत बाद विमान में आग लग गई थी और यात्री आग-आग चिल्ला रहे थे। ऐसे में दयाराम ने विमान से जल्दी से कूदकर दूर जाने का फैसला किया था। उन्हें लगता था कि वह यदि जल्दी से कुछ कर सके तो अपने अलावा दूसरे यात्रियों की भी जान बचा सकेंगे। हादसे के बाद कुछ यात्री अचेत हो गए थे, उन्हें हालात के बारे में जानकारी नहीं हो सकी थी। लेकिन इसके बाद भी दयाराम ने हिम्मत नहीं हारी और अपने अलावा कई दूसरे यात्रियों की जान बचा ली।
लगातार आ रही थी यात्रियों के चिल्लाने की आवाज
दयाराम ने बताया कि उनके कान में यात्रियों के चिल्लाने की आवाज लगातार आ रही थी। उन्होंने जलते हुए विमान से तुरंत कूदकर अपनी जान बचाई। लेकिन जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो उनके होश उड़ गए। उनका कहना था कि जैसे ही उन्होंने जहाज के पिछले हिस्से पर नजर डाली तो विमान की पूंछ टूटकर अलग हो चुकी थी और विमान धूं-धूं कर जल रहा था। यह नजारा उनके लिए बेहद डराने वाला था।
हादसे के तुरंत बाद पहुंचे थे सुरक्षाकर्मी
उनके मुताबिक एयरपोर्ट पर मौजूद सुरक्षाकर्मी और फायरमेन ने तुरंत ही विमान को घेर लिया था और अपना काम शुरू कर दिया था। इस वजह से भी कुछ यात्रियों को बचाया जा सका था। आपको बता दें कि काठमांडू के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आर्मी कैंप मौजूद है जो वहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। विमान हादसे के वक्त वहां सुरक्षाकर्मी पूरी तरह से अलर्ट पर थे।
कम ऊंचाई पर उड़ रहा था विमान
दयाराम ने बताया कि लैंडिंग से पहले उसको इस बात का अहसास हो रहा था कि विमान काफी कम ऊंचाई पर उड़ रहा है। इसके कुछ ही सैकेंड बाद विमान जमीन से टकरा गया और हादसे का शिकार हो गया। हादसे को देखकर एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों के होश फाख्ता हो गए थे। हर कोई इस बात की दुआ मांग रहा था कि विमान में सवार सभी लोग सुरक्षित अपने परिवार के बीच पहुंच जाएं।
बार-बार मदद के लिए चिल्ला रहे थे यात्री
विमान में सवार यात्री चिल्ला चिल्ला कर मदद मांग रहे थे। दयाराम ने भी कुछ लोगों की आवाजें सुनी जो अल्लाह-अल्लाह चिल्ला रहे थे। यह वक्त ऐसा था कि वहां मौजूद कई लोग चाहकर भी दूसरों की मदद नहीं कर पा रहे थे।
भगवान को दिया धन्यवाद
विमान हादसे में बचे दयाराम बार-बार भगवान को इसके लिए धन्यवाद देते हैं। लेकिन उन्हें इस बात का भी अफसोस है कि इस हादसे में उनके कुछ दोस्त नहीं बच सके। वह अपने करीब 14 साथियों के साथ यात्रा कर रहे थे। यह सभी ट्रेवल ऑपरेटर थे। यह सभी बांग्लादेश में एक अवार्ड फंक्शन में भाग लेने ढाका गए थे।
जलने की वजह से नहीं हुई शिनाख्त
हादसे में बचे कई यात्री अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। इन लोगों का इलाज चल रहा है, लेकिन इनके चेहरे पर उस पल की दहशत अब भी साफतौर पर देखी जा सकती है। कई यात्रियों के शरीर पर जलने से घाव बन गए हैं। हादसे में कुछ यात्रियों के शरीर इस कदर जल गए कि उनकी शिनाख्त तक करनी मुश्किल हो रही है। इस हादसे में हवाई सेवा को लेकर उठे प्रश्नों में कुछ सवाल और जोड़ दिए हैं।
पायलट की गलती से साफ इंकार
हालांकि एयरलाइंस कंपनी ने इस हादसे में पायलटों की गलती से साफतौर पर इंकार कर दिया है। उन्होंने इस हादसे का दोष सीधेतौर पर काठमांउू एटीसी पर जड़ दिया है। एयरलाइंस के सीईओ का यहां तक कहना है कि एटीसी ने विमान के पायलट को गुमराह कर दिया था। इस विमान के पायलट के पास 15 हजार से अधिक घंटों का अनुभव था और वह एयरफोर्स के पायलट रह चुके थे।
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