Nepal Plane Crash: 'विमान के अंदर से चीख रहे थे यात्री', नेपाल हादसे के चश्मदीदों ने सुनाई आपबीती
Nepal Plane Crash नेपाल की कल्पना सुनार ने भयावह मंजर को याद करते हुए कहा विमान एक असामान्य कोण पर झुका हुआ था और क्षण भर बाद मैंने बम जैसा धमाका सुना। फिर मैंने देखा कि सेती घाटी से काला धुंआ निकल रहा है।
काठमांडू, एजेंसी। Nepal Plane Crash: नेपाल के पोखरा में 15 जनवरी को एक विमान क्रैश हो गया। इस हादसे में चालक दल के चार सदस्यों समेत 68 यात्रियों की मौत हो गई। आज भी रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। येती एयरलाइंस के इस विमान में पांच भारतीय भी शामिल थे।
विमान क्रैश को लेकर कई तरह के वीडियो सामने आए है, जिसमें क्रैश से पहले और बाद का फुटेज देखा जा सकता है। विमान जब क्रैश हुआ तो आसपास के इलाकों में काले धुएं का गुबार उठने लगा। विमान दुर्घटना के चश्मदीदों ने इस भयावह मंजर को याद करते हुए कहा कि विमान तेजी से क्रैश हुआ और उसके कुछ सेकंड के बाद ही बम जैसा धमाका हुआ। बता दें कि हिमालयी राष्ट्र में करीब 30 साल के इतिहास में यह सबसे घातक विमानन दुर्घटना है।
'कपड़े धो रही थी, तभी हुआ बम जैसा धमाका'
काठमांडू पोस्ट अखबार के हवाले से नेपाल की कल्पना सुनार ने भयावह मंजर को याद करते हुए कहा, 'विमान एक असामान्य कोण पर झुका हुआ था और क्षण भर बाद मैंने बम जैसा धमाका सुना। फिर मैंने देखा कि सेती घाटी से काला धुंआ निकल रहा है।' बता दें कि जब ये हादसा हुआ तब कल्पना अपने घर के सामने के आंगन में कपड़े धो रही थीं।
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बाल-बाल बची गीता सुनार
मौत के मुंह से बाहर आई गीता सुनार बताती है, 'अगर विमान हमारे घर के थोड़ा सा भी करीब आ जाता, तो बस्तियां नष्ट हो जातीं। घटनास्थल पर बहुत नुकसान हुआ था। मगर, यह बस्ती से दूर हुआ था, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ और बस्तियों को कोई नुकसान नहीं हुआ। गीता ने आगे बताया, 'सेती घाटी के दोनों तरफ आग लगी थी। लाशें इधर-उधर बिखरी पड़ी थीं।' बता दें कि विमान का एक पंख स्थानीय निवासी गीता सुनार के घर से करीब 12 मीटर दूर जमीन से टकराया था।
विमान के अंदर से सुनाई दे रही थी यात्रियों की चीख-पुकार
विमान क्रैश से कुछ मिनट पहले बस्ती के पास खेल रहे बच्चों ने आसमान से एक विमान को गिरते देखा था। उस दौरान उन बच्चों को यात्रियों की चीखे सुनाई दे रही थी। 11 साल के दो बच्चें समीर और प्रज्वल परियार ने हादसे को सामने होते देखा। दोनों बच्चों ने कहा, 'शुरू में लगा जैसे यह विमान एक खिलौना है। मगर, जब यह करीब आया, तो हम सब दूर भाग गए।' समीर ने कहा, 'अचानक धुएं के कारण चारों ओर अंधेरा छा गया था। हमें लगा कि विमान का टायर हमसे टकरा जाएगा।'
बस्ती में गिरते-गिरते बचा विमान
बैंशा बहादुर बीके ने कहा कि अगर विमान सीधा आता, तो यह बस्तियों पर गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता और इससे अधिक नुकसान होता।' वह बताते है कि विमान की लगभग सात या आठ खिड़कियां अभी भी ठीक थीं और हमें लगा कि यात्री अभी भी जीवित हो सकते हैं। मगर, आग एक पल में विमान के दूसरे आधे हिस्से में फैल गई। हम बस दहशत में यह सब देखते रहे।
हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय आयोग बना
नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के अनुसार, यति एयरलाइंस के 9N-ANC ATR-72 विमान ने काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से सुबह 10:33 बजे उड़ान भरी थी। यह लैंडिंग से कुछ मिनट पहले पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के बाद प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने मंत्रिपरिषद की आपात बैठक की। 15 जनवरी को नेपाल सरकार ने विमान हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था।