आठ महीने के अंदर 11वीं बार मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगे नेपाल के PM, जनमत पार्टी के नेता को बनाएंगे मंत्री
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल सत्ता में आने के आठ महीने के अंदर 11वीं बार मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगे। यह फेरबदल जनमत पार्टी के नेता को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए किया जा रहा है। जनमत पार्टी पहले भी मंत्रिमंडल का हिस्सा थी। नेपाल में लोकतंत्र की बहाली के बाद दहल तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। उन्होंने 26 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 13 Aug 2023 11:33 AM (IST)
काठमांडू, एएनआइ। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' (Nepal PM Pushpa Kamal Dahal Prachanda) 11वीं बार मंत्रिमंडल में फेरबदल करने जा रहे हैं। उनकी योजना अपनी पार्टी के एक मंत्री को वापस बुलाने और जनमत पार्टी से एक नए मंत्री को मंत्रिमंडल में शामिल करने की है।
रविवार शाम तक खाली हो जाएगा मंत्री पद
प्रधानमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के अनुसार, नए मंत्री को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए रविवार शाम तक एक मंत्री पद खाली कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के निजी सचिव रमेश मल्ला ने फोन पर एएनआई से इस घटनाक्रम की पुष्टि की, ''प्रधानमंत्री सुबह तय करेंगे कि किसे (माओवादी से) वापस बुलाकर जनमत पार्टी से एक नया मंत्री नियुक्त करना है।''
प्रधानमंत्री दहल सरकार में माओवादी केंद्र के कई मंत्रियों के साथ परामर्श और चर्चा कर रहे हैं ताकि उन्हें पद छोड़ने के लिए मनाया जा सके। जिन नेताओं से पीएम दहल ने संपर्क किया है, उनमें संघीय मामलों और सामान्य प्रशासन मंत्री अमन लाल मोदी और संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री सूडान किराती शामिल हैं, जिन्हें कैबिनेट में एक आरामदायक पद देने का भी वादा किया गया है।
तीसरी बार प्रधानमंत्री बने दहल
नेपाल में लोकतंत्र की बहाली के बाद दहल तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। उन्हें 25 दिसंबर, 2022 को आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया, जिसके परिणामस्वरूप त्रिशंकु संसद हुई। सत्ता में आने के बाद 8 महीनों के भीतर दहल पहले ही कैबिनेट में 10 बार फेरबदल कर चुके हैं और 11वां फेरबदल आज होने की उम्मीद है।दूसरी बार सरकार में शामिल होगी जनमत पार्टी
दूसरी ओर, जनमत पार्टी इस साल के आम चुनाव के बाद निचले सदन में पहुंची और अपने गठन के दो महीने से भी कम समय में सरकार से बाहर हो गई। यह सीके राउत के नेतृत्व वाली जनमत पार्टी की दूसरी पारी होगी।इससे पहले, अब्दुल खान ने मंत्रालयों के आवंटन पर प्रधानमंत्री के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए जल आपूर्ति मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, उसने सरकार से अपना समर्थन वापस नहीं लिया था।