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नेपाल के तीसरे उपराष्ट्रपति हो सकते हैं रामसहाय यादव, तीन प्रमुख दलों का मिला समर्थन

रामसहाय यादव नेपाल के तीसरे उपराष्ट्रपति हो सकते हैं। उन्हें तीन प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन मिला हुआ है। उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान सुबह 10 बजे से शुरू हो गया है जो दोपहर 3 बजे तक चलेगा।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 17 Mar 2023 12:27 PM (IST)
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रामसहाय यादव नेपाल के तीसरे उपराष्ट्रपति हो सकते हैं
काठमांडू, पीटीआई। नेपाल के मधेस क्षेत्र के नेता रामसहाय यादव के शुक्रवार को देश के तीसरे उपराष्ट्रपति बनने की संभावना है, क्योंकि सांसदों ने इस पद के लिए मतदान शुरू कर दिया है। उपराष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतरे उम्मीदवारों में जनता समाज पार्टी से रामसहाय यादव, सीपीएन-यूएमएल से अष्ट लक्ष्मी शाक्य, जनमत पार्टी से प्रमिला यादव और ममता झा शामिल हैं। अंतिम समय में एक आम उम्मीदवार को अंतिम रूप देने के सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रयास विफल हो गए।

बेनतीजा रही बैठक

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए बुधवार को काठमांडू में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के आधिकारिक आवास पर हुई राजनीतिक दलों की बैठक बेनतीजा रही।

रामसहाय को तीन प्रमुख पार्टियों का मिला समर्थन

मधेस क्षेत्र के नेता रामसहाय यादव को नया उपराष्ट्रपति बनने की उम्मीद है। उन्हें नेपाली कांग्रेस की तीन प्रमुख पार्टियों, सीपीएन-माओवादी सेंटर और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट सहित सात दलों का समर्थन प्राप्त है। नेपाल के दक्षिणी तराई क्षेत्र में मधेसी समुदाय ज्यादातर भारतीय मूल के हैं।

प्रमिला यादव ने अपना नाम लिया वापस

इस बीच, प्रमिला यादव ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा की है। उन्होंने चुनाव में अपनी पार्टी के 52 वर्षीय रामसहाय का समर्थन किया है। उनकी घोषणा के बावजूद, रविवार को आयोग द्वारा उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी करने से पहले उनकी उम्मीदवारी को आधिकारिक रूप से वापस नहीं लिया जा सका।

सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक होगा मतदान

काठमांडू पोस्ट अखबार ने चुनाव आयोग के प्रवक्ता शालिग्राम शर्मा पौडेल के हवाले से कहा, "सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शुक्रवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा।" संघीय संसद भवन के ल्होत्से हॉल में मतदान हो रहा है। संघीय संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों के लिए अलग-अलग मतदान केंद्र रखे गए हैं। राष्ट्रपति की तरह, उपराष्ट्रपति का चुनाव भी एक भारित मतदान प्रणाली के आधार पर होता है, जिसमें एक निर्वाचक मंडल होता है, जिसमें संघीय संसद (प्रतिनिधि सभा और नेशनल असेंबली) और प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। 

उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए 26,315 मतों की आवश्यकता

संघीय संसद के 332 मतदाताओं और प्रांतीय विधानसभाओं के 550 मतदाताओं के मतों का कुल भारांक 52,628 होता है। इस प्रकार एक उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए कम से कम 26,315 मत प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। सहायक चुनाव अधिकारी अमृता कुमारी शर्मा ने माय रिपब्लिका वेबसाइट को बताया कि वोटिंग के कुछ ही देर बाद वोटों की गिनती की व्यवस्था की गई है।

पांच वर्ष का होता है उपराष्ट्रपति का कार्यकाल

2008 में देश द्वारा संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली को अपनाने के बाद से यह तीसरा उपराष्ट्रपति चुनाव है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।