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नीदरलैंड में रविवार से सख्त लाकडाउन, ओमिक्रोन के साथ आई महामारी की पाचवीं लहर

नीदरलैंड के प्रधानमंत्री रुट्टे के अनुसार देश में सख्त लाकडाउन की जरूरत है क्योंकि ओमिक्रोन के साथ महामारी की पाचवीं लहर हमारी ओर बढ़ रही है। केवल आवश्यक दुकानें जैसे सुपरमार्केट मेडिकल कंटैक्ट और कार गैरेज खुले रहेंगे।

By Monika MinalEdited By: Updated: Sun, 19 Dec 2021 06:31 AM (IST)
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नीदरलैंड में लाकडाउन की संभावना प्रबल, ओमिक्रोन के साथ आई महामारी की पाचवीं लहर

 हेग, एएनआइ। नीदरलैंड (Netherlands) में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के कारण हालात एक बार फिर खराब हो रहा है। ऐसे में देश की सरकार ने लाकडाउन का फैसला लिया है। शनिवार को आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि देश में ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए लाकडाउन का फैसला लिया है।

प्रधानमंत्री रुट्टे (Rutte) ने कहा, 'नीदरलैंड एक बार फिर लाकडाउन में जा रहा है। जितना हमें डर था ओमिक्रोन उससे कहीं अधिक तेजी से ओमिक्रोन फैल रहा है।' नीदरलैंड में नया लाकडाउन रविवार सुबह पांच बजे से शुरू होकर 14 जनवरी तक प्रभावी रहेगा।

प्रधानमंत्री के अनुसार, देश में सख्त लाकडाउन की जरूरत है क्योंकि ओमिक्रोन के साथ महामारी की पाचवीं लहर हमारी ओर बढ़ रही है। केवल आवश्यक दुकानें जैसे सुपरमार्केट, मेडिकल कंटैक्ट और कार गैरेज खुले रहेंगे। वहीं अन्य दुकानें, सभी शिक्षण संस्थान, कैटरिंग उद्योग, रेस्तरां, म्यूजियम, थियेटर और चिड़ियाघर आदि बंद रहेंगे। 

डेढ़ से तीन दिन में ही दोगुना हो रहे ओमिक्रोन के मामले: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) ने शनिवार को कहा कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन अब तक 89 देशों तक फैल गया है। इसके मामले सामुदायिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में डेढ़ से तीन दिन में ही दोगुना हो रहे हैं। वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने ओमिक्रोन को फैलने से रोकने के लिए ठोस जन स्वास्थ्य सुविधाओं एवं सामाजिक उपायों को तत्काल बढ़ाने पर जोर दिया है। WHO ने कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट उच्च स्तर के जनसंख्या प्रतिरक्षा वाले देशों में बहुत तेजी से फैल रहा है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ऐसा वायरस की प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता या तेज प्रसार के इसके अंतर्निहित गुण या दोनों की वजह से हो रहा है। एजेंसी का यह भी कहना है कि तेजी से मामले बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी।